रायपुर। जातिगत जनगणना के मुद्दे पर देश की राजनीति गरमा गई है। इसी सिलसिले में आज दिल्ली में कांग्रेस के ओबीसी विभाग की अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में देशभर के ओबीसी नेता शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल, विधायक रामकुमार यादव और कुंवर सिंह निषाद समेत कई वरिष्ठ नेता इस बैठक के लिए दिल्ली रवाना हो चुके हैं।
दिल्ली रवाना होने से पहले रायपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान भूपेश बघेल ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “जब से राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की मांग उठाई है, तब से पूरे देश में इस पर चर्चा छिड़ गई है। यह सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक न्याय का आधार है। लेकिन मोदी सरकार इस दिशा में सिर्फ दिखावा कर रही है, कोई ठोस पहल नहीं कर रही।”
कम मंत्री, ज़्यादा विभाग – सरकार चला कौन रहा है?
मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी और सीमित संख्या में मंत्रियों को लेकर भूपेश बघेल ने मौजूदा साय सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा जितने कम मंत्री होंगे, उतने ज्यादा विभाग मुख्यमंत्री के पास रहेंगे। अब सवाल यह है कि जिन विभागों की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री पर है चाहे वह माइनिंग हो या शिक्षा उन्हें आखिर चला कौन रहा है? क्या कोई अदृश्य ताकत सरकार चला रही है?
पत्रकारों के साथ बदसलूकी पर बघेल का सख्त रुख
रविवार रात मेकाहारा अस्पताल में कवरेज के दौरान पत्रकारों के साथ हुई बदसलूकी और मारपीट की घटना पर बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा पत्रकारों के साथ इस तरह की घटना लोकतंत्र पर हमला है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और मांग करता हूं कि राज्य सरकार तुरंत दोषियों पर कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं। गौरतलब है कि मीडियाकर्मियों के साथ अस्पताल के बाउंसरों ने धक्का-मुक्की की और जान से मारने की धमकी दी थी, जिससे मीडियाजगत में भारी आक्रोश है।
नक्सल मुद्दे पर साय सरकार को घेरा
दंतेवाड़ा में नक्सल गतिविधियों को लेकर भी भूपेश बघेल ने वर्तमान सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी थी, जिससे नक्सलियों की संख्या में भारी कमी आई थी। लेकिन आज मनरेगा ठप है, तेंदूपत्ता खरीदी बंद है ऐसे में आदिवासियों की हालत खराब हो रही है। सरकार पूरी तरह फेल है।