आत्मसमर्पण कर दें, या फिर अपने बीआर दादा की तरह अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें नक्सली : आईजी सुंदरराज पी.

0  टॉप नक्सली लीडर बसा राजू के मारे जाने से बेहद उत्साहित हैं आईजी 
0  पेसलपाड़ तुमरेल में हुई मुठभेड़, मार गिराए गए दो नक्सली 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। ऑपरेशन अबूझमाड़ में टॉप नक्सली लीडर बसा राजू का मारा जाना छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए बड़ी उपलब्धि है। खूंखार नक्सली नेता बसा राजू मोस्ट वांटेड लिस्ट में शुमार रहा है। उसका मारा जाना एंटी नक्सल ऑपरेशन में अब तक की बड़ी कामयाबी है। बसा राजू के खात्मे से बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पाटलिंगम काफी जोश में हैं। उन्होंने नक्सलियों को खुली चेतावनी दी है कि वे जितनी जल्दी हो सके आत्मसमर्पण कर दें, या फिर अपने बसा दादा की तरह अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में करीब 70 घंटे तक चली भीषण मुठभेड़ में डीआरजी जवानों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में शीर्ष नक्सली नेता बसा राजू भी शामिल है। बसा राजू अपने नक्सली साथियों के बीच बसा दादा और बीआर दादा के रूप में लोकप्रिय था। वह कुशल लड़ाका, रणनीतिकार माना जाता था। बसा राजू के मारे जाने से छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और झारखंड में नक्सलियों से जंग लड़ रहे सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस के लिए बड़ी राहत की खबर है। अपने रेंज में मिली इस बड़ी कामयाबी से बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पाटलिंगम खासे उत्साहित हैं। उन्होंने ऑपरेशन अबूझमाड़ में शामिल रहे जवानों को शाबासी और बधाई दी हैं। आईजी सुंदरराज पी. ने प्रतिबंधित और अवैध नक्सली संगठनों के सदस्यों को चेतावनी दी है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं, अन्यथा अपने शीर्ष कमांडर बसाराजू की तरह भयावह अंत के लिए तैयार रहें।

फिर दो नक्सली हलाक
इस बीच बस्तर संभाग के सुकमा जिले के पेसलपाड़ मुठभेड़ में फोर्स ने दो नक्सली मार गिराए हैं। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि सुकमा जिले के थाना किस्टाराम क्षेत्र में नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर 22 मई को सुकमा डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा, सीआरपीएफ की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी सर्च अभियान पर रवाना हुई थी। अभियान के दौरान शाम 6 बजे से पेसलपाड़ क्षेत्र में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच लगातार फायरिंग हुई। मुठभेड़ स्थल से 01 पुरूष वर्दीधारी हार्डकोर नक्सली का शव हथियार सहित बरामद हुआ है। मारे गए नक्सली की प्रारंभिक पहचान एरिया कमेटी मेंबर माड़वी माडा के रूप में हुई है, जो साउथ सब ज़ोनल ब्यूरो की डिप्टी कमांडर था। मुठभेड़ स्थल से एक नग 9 एमएम ऑटोमेटिक सर्विस पिस्टल, एक नग बीजीएल लॉन्चर, 9 नग बीजीएल सेल, 11 नग इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 18 नग पॉइंट 303 जिंदा कारतूस, दो नग पिस्टल के जिंदा कारतूस,
एक नग वायरलेस सेट, चार्जर एवं अन्य सामग्री बरामद की गई है।

तुमरेल में भी एनकाउंटर
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि जिला बीजापुर एवं सुकमा के सरहदी क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना पर डीआरजी सुकमा, एसटीएफ एवं कोबरा 210, 208 की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। अभियान के दौरान थाना उसूर के तुमरेल के जंगल में पीएलजीए बटालियन नंबर-1 के नक्सलियों और एवं टीम के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ स्थल का सर्च करने पर एक हार्डकोर माओवादी का शव हथियार एवं अन्य माओवादी सामग्री बरामद हुई है। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सली की पहचान साउथ बस्तर डिवीजन कमेटी के एरिया कमेटी मेंबर संदेश उर्फ सन्नू के रूप में हुई है। तुमरेल के मुठभेड़ स्थल से 12 बोर बंदूक, जिंदा राऊंड, एसएलआर के मेग्जीन, जिंदा राऊंड, खाली खोखे, हैंडग्रेनेड, रेडियो सेट विस्फोटक, नक्सली वर्दी, बैनर, पाम्पलेट, नक्सली साहित्य एवं अन्य नक्सल सामग्री बरामद हुई है।

जवान मेहुल सोलंकी शहीद
तुमरेल में हुई मुठभेड़ में कोबरा 210 का जवान सोलंकी मेहुल भाई पिता स्व. नंनदलाल भाई निवासी देवगाना, तहसील सिहोर जिला भावनगर, गुजरात के पार्थिव शरीर को 22 मई को माना रायपुर में राजकीय सम्मान के साथ गार्ड आफ ऑनर दिया गया। शहीद जवान का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ गृह ग्राम देवगाना, जिला भावनगर, गुजरात में किया गया।

आईजी की ओपन वार्निंग
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पाटलिंगम ने बताया कि 21 मई को अबूझमाड़ के जंगलों में हुई ऐतिहासिक एंटी नक्सल कार्रवाई में सीपीआई माओवादी के शीर्ष कमांडर बावाराजू उर्फ बीआर दादा का अंत हुआ। उस मुठभेड़ के बाद नक्सली संगठन ताश के पत्तों की तरह बिखरने लगा हैं। अनेक नक्सली कैडर अपने छिपने के ठिकानों से भागकर आत्मसमर्पण के लिए आगे आ रहे हैं। आईजीपी बस्तर रेंज ने प्रतिबंधित और अवैध नक्सली संगठनों के सदस्यों को चेतावनी दी कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं, अन्यथा अपने शीर्ष कमांडर बसवराजू की तरह भयावह अंत के लिए तैयार रहें।

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