0 पदयात्रा को लेकर बैलाडीला में बड़ी बैठक
जगदलपुर। बस्तर के जल जंगल, जमीन, खनिज संपदा को बचाने और यहां के आदिवासियों का हक सुरक्षित रखने के लिए 26 मई से शुरू होने वाली न्याय पदयात्रा को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज पूरी शिद्दत से जुट गए हैं। इसी सिलसिले में दीपक बैज ने आज बैलाडीला में कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों के साथ बड़ी बैठक की।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस द्वारा बस्तर की खनिज नगरी बचेली से न्याय पदयात्रा 26 मई से निकाली जाएगी। यह पदयात्रा तीन दिन के सफर के बाद जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा पहुंचेगी, जहां धरना, प्रदर्शन और कलेक्ट्रेट घेराव के बाद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। प्रदेश स्तर की इस पदयात्रा में राज्य के लगभग सभी छोटे बड़े नेता शामिल होंगे। इस बार की न्याय पदयात्रा बस्तर के जल, जंगल, जमीन और खनिज संपदा को बचाने के लिए होगी। बैलाडीला की बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी सरकार बस्तर के आदिवासियों का हक छीनने के लिए अपने मित्र कॉर्पोरेट घरानों के लिए रेड कारपेट बिछा रही है। बस्तर की वन एवं खनिज संपदा को मोदी सरकार अपने मित्रों के हाथों में बेच रही है। यह सरकार बस्तर और यहां के मूल निवासियों का अस्तित्व, उनकी जीवन शैली, संस्कृति, परंपराओं को नष्ट करने पर आमादा हो गई है। धीरे धीरे बस्तर का अस्तित्व ही मिट जाएगा, मगर कांग्रेस ऐसा हरगिज नहीं होने देगी। कांग्रेस बस्तर के लोगों, यहां की खनिज संपदा, जल जंगल, जमीन को बचाने की लड़ाई हर स्तर पर जारी रखेगी। श्री बैज ने बताया कि इसके लिए कांग्रेस 26 से 28 मई तक न्याय पदयात्रा निकालने जा रही है। यह पदयात्रा 26 मई को लौह नगरी बचेली से शुरू होगी और 28 मई को जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा पहुंचेगी, जहां कलेक्ट्रेट का घेराव कर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि यह अकेले बस्तर के आदिवासियों के हितों की लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की लड़ाई है, इसलिए इस न्याय पदयात्रा में प्रदेश के अधिकतर बड़े कांग्रेस नेता, बस्तर संभाग के कांग्रेसजन, पूर्व एवं वर्तमान विधायक, जिला, जनपदों के जनप्रतिनिधि, पंचायतों के पंच सरपंच और आम नागरिक हजारों की तादाद में शामिल होंगे। बैठक में श्री बैज ने बैलाडीला के कांग्रेस नेताओं पदयात्रा की तैयारी की जिम्मेदारी सौंपी और जन उपस्थिति ज्यादा से ज्यादा रखने पर जोर दिया।