नारायणपुर। अबूझमाड़ के जंगलों में छत्तीसगढ़ पुलिस और सीआरपीएफ की जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की भयंकर कार्रवाई ने माओवादी आतंकियों को भारी क्षति पहुंचाई है। 19 मई से शुरू हुए इस ऐतिहासिक ऑपरेशन में माओवादी संगठन के सैन्य और वैचारिक प्रमुख नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजु सहित 27 नक्सलियों को मार गिराया गया है। यह अब तक की सबसे बड़ी और निर्णायक जीत मानी जा रही है, जिससे माओवादी संगठन को एक गहरा झटका लगा है।
21 मई की सुबह नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर जबरदस्त फायरिंग की, लेकिन डीआरजी की रणनीतिक और सटीक कार्रवाई ने पलटवार करते हुए उनके दुश्मनों को तबाह कर दिया। खास बात यह है कि अब तक के सबसे खतरनाक माओवादी मास्टरमाइंड बसवराजु को मार गिराना इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता है, जिसने माओवादी हिंसा की रीढ़ तोड़ दी है।
गंगालूर थाना क्षेत्र के पीडिया जंगल में भी जारी मुठभेड़ में डीआरजी ने पांच और नक्सलियों को ढेर किया, हालांकि इस लड़ाई में दो बहादुर जवान भी घायल हुए हैं। वहीं, 21 मई की शाम बीजापुर में हुए आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी जवान रमेश हेमला शहीद हो गए। इसी दिन सुबह नारायणपुर के औरचा थाना क्षेत्र के ग्राम भटबेडा में भी डीआरजी के खोटलूराम कोर्रम वीरगति को प्राप्त हुए। शहीद जवानों को जिला मुख्यालय में पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार की दूरदर्शिता से गठित जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) ने इस ऑपरेशन में अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। स्थानीय युवाओं को लेकर बनाया गया यह बल अपनी मातृभाषा, संस्कृति और भूगोल की समझ के दम पर नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक और सटीक कार्रवाई करता है। गुरिल्ला युद्ध में भी डीआरजी जवान उसी भाषा और शैली में नक्सलियों को मात देते हुए जनजीवन को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इस ऐतिहासिक सफलता के बाद नक्सली संगठनों में खलबली मची है और सुरक्षा बलों की हौसला अफजाई हो रही है। यह ऑपरेशन जारी है और जल्द ही डीआरजी के वरिष्ठ अधिकारी मीडिया को और विस्तृत जानकारी देंगे।
यह कारवाई छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल प्रभावित इलाकों में प्रभावी नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, जो आने वाले दिनों में प्रदेश को आतंक मुक्त बनाने की राह में निर्णायक साबित होगी।