0 स्कूल, अस्पतालों को बंद कर मयखाने खोल रही है सरकार, शिक्षा, स्वास्थ्य नहीं नशे के कारोबार को संरक्षण
रायपुर। शमशेरा ब्रांड नेम से एक नए देशी शराब बॉटलिंग प्लांट को लाइसेंस जारी किए जाने पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद से 67 नए शराब दुकान खोले गए, 674 दुकानों की क्षमता दुगुनी की अर्थात् देशी में अंग्रेजी और अंग्रेजी में देशी भी उपलब्ध कराया, इस प्रकार की भाजपा की सरकार में प्रदेश में कुल 1400 दुकाने खुल गई, सेस कम करके मदिरा की दरें घटाई गई यही नहीं देशी ब्रांड शोले, रोमियों और यूनिक के बाद अब चैथी कंपनी ‘शमशेरा’ को देशी शराब बॉटलिंग का एक और लाइसेंस जारी किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस सरकार की प्राथमिकता छत्तीसगढ़ को नशे की गर्त में डुबोना है, एक तरफ जहां अस्पतालों में जांच, इलाज और दवा का अभाव है, समुचित पेयजल व्यवस्था नहीं है, सरकारी विभागों में नई नियुक्तियां बंद हैं, नए सेटअप का बहाना करके 4000 से अधिक स्कूलों को बंद करने का षड्यंत्र रचा गया है वही शराब के नए-नए दुकान और उन दुकानों के लिए नए-नए ब्रांड की व्यवस्था यह सरकार प्राथमिकता से कर रही है। प्रदेश की माता-बहनें जानना चाहती हैं कि क्या यही मोदी की गारंटी थी? अबकी बार मदिरा प्रेमी सरकार, क्या यही साय सरकार का नारा है?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि साय सरकार के कुशासन में छत्तीसगढ़ शराब की खपत के मामले में नित नए रिकॉर्ड बना रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अधीन आने वाले प्रदेश के आबकारी विभाग के ही आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल अर्थात 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 के बीच 467.02 प्रूफ लीटर अर्थात लगभग 5 लाख लीटर देशी शराब की खपत प्रदेश में हुई है, जो ऐतिहासिक तौर पर सर्वाधिक है। प्रदेश में बढ़ते अपराध का प्रमुख कारण नशाखोरी है जिसे रोकने के बजाय बढ़ावा दे रही है सरकार। एक तरफ जहां भाजपा की सरकार आने के बाद से छत्तीसगढ़ शिक्षा के स्तर और स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार पिछड़ रहा है, वही नशाखोरी के मामले में जरूर ऐतिहासिक शिखर की ओर बढ़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सत्ता के संरक्षण में नशे का अवैध कारोबार छत्तीसगढ़ में फल-फूल रहा है। नकली शराब, मिलावटी शराब, पड़ोसी राज्यों से तस्करी, नकली होलोग्राम की शिकायतें लगातार आ रही है। कोचियों और तस्करों को सत्ताधारी दल के नेताओं का खुला संरक्षण प्राप्त है। राजनांदगांव, खैरागढ़, गंडई, मुंगेली में सरकारी शराब दुकानों से कोचियों को 200 रुपए प्रति पेटी अतिरिक्त लेकर शराब पहुंचाने के वीडियो वायरल हुई थे, गांजे और नशे की गोलियों के साथ ही हर तरह के सुखे नशे का कारोबार पूरे प्रदेश में फैल चुका है। क्या स्कूलों, अस्पतालों को बदहाल करके सभी क्षेत्रों में शराब दुकान खोलना ही सरकार की प्राथमिकता है? सरकार के शराब प्रेम से यही प्रतीत होता है कि नशे को जन-जन तक पहुंचाना ही साय सरकार का लक्ष्य है और इसी संकल्प के लिए वह ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। यह सरकार प्रदेश के भविष्य को नशे की गर्त में धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।