रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में हुई मंत्रिपरिषद की महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के भविष्य को दिशा देने वाले कई क्रांतिकारी फैसलों पर मुहर लगी। शिक्षा, उद्योग, संस्कृति और युवाओं के हित में लिए गए इन निर्णयों से छत्तीसगढ़ के विकास की गति और तेज़ होने जा रही है।
शिक्षा में क्रांति: मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की शुरुआत
राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ लॉन्च करने का ऐलान किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इस अभियान का लक्ष्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को ऊंचे स्तर तक पहुंचाना है। इसके अंतर्गत:
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स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण कर ग्रेडिंग की जाएगी।
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कमजोर स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग होगी।
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शिक्षकों को मॉडल स्कूलों का भ्रमण कराया जाएगा, ताकि वे बेहतरीन प्रथाओं को अपनाएं।
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पालक-शिक्षक सहभागिता को बढ़ावा देकर शिक्षा को सामाजिक आंदोलन बनाया जाएगा।
कलाकारों और साहित्यकारों को राहत: पेंशन ₹2000 से बढ़ाकर ₹5000
राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों और साहित्यकारों को बड़ी सौगात दी है। अब उन्हें ₹2000 के बजाय ₹5000 प्रतिमाह पेंशन मिलेगी। इस फैसले से 162 लाभार्थियों को सीधा फायदा मिलेगा और सरकार पर सालाना ₹58.32 लाख का अतिरिक्त भार आएगा।
उद्योग क्षेत्र में बड़ा बदलाव: नई औद्योगिक नीति से मिलेगा रोजगार और निवेश को बढ़ावा
औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को नए रूप में लागू किया गया है, जिसके तहत:
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छत्तीसगढ़वासियों को नौकरी देने वाली कंपनियों को मिलेगा विशेष अनुदान।
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हाइड्रोपोनिक और ऐयरोपोनिक खेती जैसी आधुनिक तकनीकों को मिलेगा बढ़ावा।
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खेल अकादमियों और ट्रेनिंग सेंटरों को प्रोत्साहन मिलेगा, युवाओं को नई दिशा मिलेगी।
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टेक्सटाइल उद्योग को मिलेगा 200% तक का प्रोत्साहन।
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बस्तर और सरगुजा में होटल और रिसॉर्ट निर्माण के लिए न्यूनतम निवेश सीमा घटाई गई है।
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राज्य को लॉजिस्टिक हब बनाने के लिए लॉजिस्टिक नीति लागू की जाएगी।
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दिव्यांगजनों की परिभाषा में बदलाव कर उन्हें योजनाओं का अधिक लाभ मिलेगा।
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ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों को विशेष पैकेज मिलेगा।
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मल्टीप्लेक्स युक्त मिनी मॉल और निजी स्कूलों को भी थ्रस्ट सेक्टर में शामिल कर, शहरी व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।