लाला जगदलपुरी लाइब्रेरी बदहाल, अच्छी पुस्तकों और सुविधाओं का है अभाव

० पाठकों ने प्रबंधक को सौंपा ज्ञापन, बदहाल स्थिति पर जताई चिंता 
जगदलपुर। बस्तर संभाग के सबसे बड़े सार्वजनिक पुस्तकालय लाला जगदलपुरी पुस्तकालय में लगातार बढ़ती अव्यवस्थाओं और आवश्यक सुविधाओं की कमी को लेकर रविवार को नियमित पाठकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुस्तकालय प्रबंधन को आवेदन सौंपा।
यह पहल पुस्तकालय के सक्रिय पाठक राहुल कुमार पांडे के नेतृत्व में की गई, जिनके साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और प्रतियोगी परीक्षार्थी उपस्थित थे।पाठकों ने पुस्तकालय की मौजूदा हालत पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि यहां कंप्यूटर सेक्शन लंबे समय से बंद है, जिससे डिजिटल पढ़ाई बाधित हो रही है। कुर्सियां टूटी हुई हैं, जिससे पाठकों को लगातार असुविधा का सामना करना पड़ता है। साथ ही गर्मी के इस मौसम में एयर कंडीशनिंग प्रणाली काम नहीं कर रही है, जिससे अध्ययन का वातावरण प्रभावित हो रहा है। पाठकों ने पुस्तकालय के शौचालयों की खराब स्थिति और वहां स्वच्छता की कमी को लेकर भी असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि हैंडवॉश जैसी जरूरी सुविधा तक मौजूद नहीं है। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जरूरी किताबें भी पुस्तकालय में उपलब्ध नहीं हैं। सफाई व्यवस्था नियमित नहीं है और परिसर में अनुशासन व सुरक्षित वातावरण बनाए रखने के लिए कोई सुरक्षा प्रबंध नहीं है। प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि कंप्यूटरों में ई-बुक्स और अन्य डिजिटल अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाए और सुरक्षा के लिए एक गार्ड की नियुक्ति की जाए ताकि पुस्तकालय का वातावरण शांत और सुरक्षित बना रहे। सभी पाठकों ने यह स्पष्ट किया कि जब वे नियमित रूप से मासिक शुल्क अदा करते हैं, तो पुस्तकालय की इतनी उपेक्षित स्थिति उचित नहीं है। यह पुस्तकालय पूरे बस्तर संभाग के लिए एक प्रमुख अध्ययन केंद्र है और इसकी उपेक्षा पूरे क्षेत्र के विद्यार्थियों के भविष्य को प्रभावित कर सकती है। इस प्रयास में राहुल कुमार पांडे के साथ रोहन कुमार, हरीश साहू, शुभम दुबे, जय बंजारे, कर्तव्य आचार्य, मनीष कुमार और मिंटू पांडेय सहित अनेक पाठक उपस्थित रहे। उन्होंने मांग की कि प्रशासन इन समस्याओं का शीघ्र समाधान करे।

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