चने के खेल में नया ट्विस्ट; दुकानों में भरा पड़ा है स्टॉक फिर क्यों नहीं दिया उपभोक्ताओं को? एक्शन मोड में आए फूड इंस्पेक्टर

०  उपभोक्ताओं के हिस्से का चना दबाए बैठे हैं राशन दुकान संचालक 
(अर्जुन झा)बकावंड। चना वितरण में हुई अफरा तफरी के मामले में नया ट्विस्ट आ गया है। खबर है कि सरकारी उचित मूल्य की दुकानों में चने का स्टॉक भरा पड़ा है। उपभोक्ताओं के हिस्से का चना राशन दुकानदार दबाए बैठे हैं। खाद्य निरीक्षक ने मामले की जांच शुरू कर दी है और चना दबाए बैठे दुकानदारों पर कड़ा एक्शनलेने की तैयारी है।
ज्ञात हो कि बकावंड विकासखंड की अधिकांश दुकानों में जनवरी से अप्रैल तक के लंबित चने का वितरण निर्धारित मात्रा में न कर आधी अधूरी मात्रा में चना उपभोक्ताओं को दिया गया था। बाकी का चना दुकानदारों ने दबा लिया।शिकायत पर जांच अधिकारी बनाए गए खाद्य निरीक्षक हेमंत कुमार ने बताया कि प्रकरण की जांच की जा रही है। जिन दुकानदारों ने पूरे स्टॉक का आवंटन प्राप्त कर वितरण नहीं किया है उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विदित हो कि गरीबों को राशन देने सुशासन सरकार प्रतिबद्ध है उन्हें चावल के अलावा दो किलो पौष्टिक चना भी मात्र 10 रुपए में उपलब्ध कराया जा रहा है, मगर राशन माफिया गरीबों के हक के चने को 5 गुना अधिक कीमत पर बाहर बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। करीब 500 से 700 क्विंटल चने की अफरा तफरी की खबर आई है। मीडिया में खबर चलने के बाद अब इसी ब्लॉक के प्रभारी खाद्य निरीक्षक को जांच अधिकारी बनाए जाने पर कुछ लोगों ने नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि जिस ब्लॉक में मामला सामने आया है वहीं के अधिकारी से जांच उचित नहीं होगी। इस बीच यह जानकारी भी मिली है कि जो चना यहां के उपभोक्ताओं को नहीं दिया गया है, उसका स्टॉक राशन दुकानों में ही रखा हुआ है। दुकान संचालक इस चने को किस्तों में बाहर बेच रहे हैं। जांच अधिकारी खाद्य निरीक्षक हेमंत कुमार ने इस मामले पर भी संज्ञान लिया है। वे इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि पूरा चना उपभोक्ताओं को क्यों नहीं दिया गया, उसे दुकानों में स्टोर करके क्यों रखा गया है और इसके पीछे दुकान संचालकों की मंशा आखिर क्या है? जाहिर सी बात है पूरा आवंटन मिलने के बाद भी आधा वितरण करने के पीछे की मंशा कालाबाजारी ही है। ऐसा खेल चल भी रहा है। सूत्र बताते हैं कि राशन दुकान संचालक स्थानीय और पड़ोसी राज्य ओड़िशा के व्यापारियों के पास इस चने को 45 से 50 रुपए तक किलो के भाव से खपा रहे हैं। व्यापारी राशन दुकानों में पहुंच कर 25 से 50 किलो तक चना खरीद ले जाते हैं। ज्यादा मात्रा में चना ले जाने पर पकड़े जाने का डर रहता है, इसलिए वे किस्तों में चना ले जा रहे हैं। यह काला खेल शाम के अंधेरे में चलता है। फूड इंस्पेक्टर हेमंत कुमार का कहना है कि कालाबाजारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गरीबों के हक पर डाका डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

चल रही है जांच
शिकायतों के आधार पर राशन दुकानों की जांच की जा रही है, स्टॉक पंजी एवं वितरण पंजी और उपलब्ध स्टॉक का मिलान किया जा रहा है। कई दुकानों में चने का ओवर स्टॉक मिला है। इस संबंध में दुकान संचालकों से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
-हेमंत कुमार,
फूड इंस्पेक्टर एवं जांच अधिकारी, बकावंड

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