दल्ली राजहरा खदान समूह में सुरक्षा मापदंडों का उड़ाया जा रहा है मखौल : मुश्ताक अहमद

0 ठेका श्रमिकों के साथ लगातार हो रहे हादसे 

0 बिना पंजीयन और गेटपास के काम कर रहे श्रमिक 

दल्ली राजहरा। खदान मजदूर संघ भिलाई संबंद्ध भारतीय मजदूर संघ दल्ली राजहरा के नेता मुश्ताक अहमद ने कहा है कि राजहरा खदान समूह में लगातार हो रही दुर्घटनाओं पर रोक लगाने में बीएसपी प्रबंधन पूरी तरह असफल नजर आ रहा है। आएदिन खदान के अंदर दुर्घटना हो रही है और जिम्मेदार अधिकारी इसमें सुधार करने के बजाय इसमें सहयोग करते नजर आ रहे हैं।
मुश्ताक अहमद ने कहा है कि अभी ताजा दुर्घटना दल्ली यंत्रीकृत खदान के ओवर बर्डन के वेस्ट रिमूअल के ठेके में हुई है जिसमें लोडर मशीन का रेडिएटर के पानी की जांच करते समय ठेका श्रमिक बुरी तरह झुलस गया है। ठेका श्रमिक की जान भी जा सकती थी। इस दुर्घटना का जिम्मेदार कौन है आजतक बीएसपी प्रबंधन द्वारा इसकी जानकारी किसी भी यूनियन को नहीं दी गई है जोकि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मगर जब भारतीय मजदूर संघ ने दल्ली यंत्रीकृत खदान में कार्यरत ठेका श्रमिकों बातचीत की तो पता चला है कि जिस ठेका श्रमिक का दुर्घटना हुआ है उसका नाम करण दीक्षित है उसकी उम्र मात्र 22 वर्ष है। सबसे बड़ी बात है कि यह गरीब ठेका श्रमिक इस ठेके में कार्य ही नहीं करता था। उसे ठेकेदार ने अपनी मशीनों और गाड़ियों की मरम्मत के लिए अलग से रखा हुआ था
ठेका श्रमिक की न तो कोई सेफ्टी ट्रेनिंग हुई है और न ही ए फार्म पंजीयन हुआ है और न ही उसका गेटपास बना है, तो फिर इस ठेका श्रमिक को किसके आदेश से खदान के अंदर आने दिया गया उसे ठेकेदार ने भेजा था या फिर बीएसपी के किसी जिम्मेदार अधिकारी ने। संघ द्वारा जांच करने पर पता चला है कि यहां के जिम्मेदार अधिकारियों की सहमति से बिना गेटपास, बिना ट्रेनिंग, बिना ए फ़ार्म पंजीयन के रोजाना ऐसे ठेका श्रमिकों को खदान में प्रवेश करने दिया जाता है। करण दिक्षित पिछले 6 माह से बिना गेटपास के खदान के अंदर कार्य कर रहा था और खदान के जिम्मेदार अधिकारी ने पूरी खदान ठेकेदार के भरोसे छोड़ दी है जोकि जांच का विषय है। मुश्ताक अहमद ने कहा- ऐसी जानकारी मिली है कि अभी भी 3 से 4 ऐसे ठेका श्रमिक इस ठेकेदार के अधीन कार्यरत हैं जिनका गेटपास, ट्रेनिंग, पंजीयन नहीं हुआ है मगर ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। और सबसे बड़ी अमानवीय बात यह है कि बीएसपी के जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार ने दुर्घटनाग्रस्त ठेका श्रमिक करण दिक्षित का सही ईलाज करवाना भी जरूरी नहीं समझा और खदान के अंदर हुए एक्सीडेंट में घायल हुए और जले हुए ठेका श्रमिक को सीधे बीएसपी अस्पताल न ले जाकर उसे शहीद अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहां जले हुए मरीजों के ईलाज की सुविधा नहीं है। इसलिए उसे बीएसपी अस्पताल से सीधे भिलाई सेक्टर-9 अस्पताल भिलाई रेफर किया जाना था, किन्तु बीएसपी के अधिकारियों और ठेकेदार ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया और गरीब मजदूर को उसके हाल में छोड़ दिया गया। मुश्ताक अहमद ने कहा है कि राजहरा खदान समूह में सुरक्षा के मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण आए दिन खदान के भीतर कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है अभी कूछ दिन पहले ही दल्ली यंत्रीकृत खदान में सुरक्षा में लापरवाही के चलते पैलेट प्लांट में कार्यरत ठेका श्रमिक ऊंचाई से गिरकर मौत के मुंह में चला गया था मगर आजतक किसी भी जिम्मेदार के ऊपर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आज भी सुरक्षा मापदंडों का खुला उल्लंघन पैलेट प्लांट में हो रहा है।महामाया खदान में भी वहां के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा खुलकर सुरक्षा के मापदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है। महामाया खदान तो पूरी तरह एक ठेका कंपनी के सुपरवाइजर के हवाले कर दी गई है, जिसका न तो ए फार्म पंजीयन हुआ है और न ही ट्रेनिंग और वह 60 वर्ष की आयु भी पार कर चुका है। महामाया खदान के जिम्मेदार अधिकारी और वहां के ठेकेदार द्वारा उसी से कार्य करवाने के लिए उसका गेटपास बनवाने नए नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जोकि जांच का विषय है। ऐसे सुरक्षा के मापदंडों का उल्लंघन आज राजहरा खदान समूह में लगभग सभी जगह नजर आता है, मगर बीएसपी प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारी किसी भी प्रकार की कार्रवाई करते नजर नहीं आते हैं। इसलिए बहुत जल्द दस्तावेजों के साथ भारतीय मजदूर संघ का एक प्रतिनिधि मंडल धनबाद जाकर डीजीएमएस से मिलकर ऐसे सभी मामलों में कड़ी कार्रवाई की मांग करेगा, जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं और खदान में सुरक्षा के मापदंडों का भी खुलकर उल्लंघन किया जा रहा है।

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