0 बनियागांव और तारापुर ग्राम पंचायतों में भी की गई है चने की हेराफेरी
0 पीडीएस में चल रही है जमकर गड़बड़ी
(अर्जुन झा)बकावंड। राशन दुकानों में चने की धांधली को लेकर गांव गांव से शिकायतें कलेक्टर तक पहुंचने लगी हैं। ग्राम पंचायत तारापुर और बनियागांव से भी चने की अफरा तफरी की शिकायत आई है।
दरअसल विकासखंड बकावंड में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को विभागीय अधिकारियों और दुकान संचालकों ने अवैध कमाई का जरिया बना लिया है। आवंटन न मिलने के कारण जनवरी, फरवरी और मार्च में सरकारी उचित मूल्य की दुकानों से उपभोक्ताओं को चने का वितरण नहीं हो पाया था। अप्रैल में पिछले तीनों माह के साथ ही अप्रैल के भी चने का आवंटन मिला, मगर कई राशन दुकानदारों ने उपभोक्ताओं को चार माह के आठ पैकेट चना न देकर आधे से भी कम मात्रा में चना दिया। बचा चना राशन माफिया हजम कर गए। टलनार पंचायत के बाद अब चने की हेराफेरी की शिकायत ग्राम पंचायत बनियागांव और तारापुर से भी सामने आई है। बनियागांव के फरसू गोयल, शेरसिंह बघेल, धनमत और अन्य उपभोक्ताओं ने पंचायत की राशन से आधी मात्रा में चने का वितरण किए जाने की शिकायत की है। ग्रामीणों का आरोप है कि दुकानदार ने गरीबों के हिस्से का चना 45 से 50 रुपए किलो के भाव से बाहर बेच दिया है। वहीं यह कहते हुए शक्कर के पैसे ले लिए कि अभी कोटा नहीं आया है, अगले माह आने पर शक्कर दी जाएगी, जबकि उसी माह की शक्कर के वितरण की ऑनलाइन इंट्री भी कर दी गई है।
ग्राम पंचायत टलनार उपभोकता बृजलाल सेठिया ने फिर शिकायत की है कि 288 हितग्राहियों को शक़्कर दिए बगैर विक्रेता ने यह कहते हुए पैसे ले लिए कि अगले माह आने से दूंगा। ग्राम पंचायत तारापुर के उपभोक्ता शंकर, रेवती, सेलसिरा, सुरमी आदि ने भी उपभोक्ताओं पूरा चना नहीं दिए जाने की शिकायत की है। अपने हक के लिए आवाज उठाने की ऎसी जागरूकता अखबारों में चना की हेराफेरी की शिकायत प्रकाशित होने के बाद आई है, वरना बेचारे ग्रामीण अब तक खामोश बैठे रहते। वहीं दूसरी ओर खाद्य विभाग के अधिकारी शासकीय उचित मूल्य के दुकानदारों पर दबाव बनाकर मामले को निपटाने पर जोर दे रहे हैं। तहसीलदार को जांच के दौरान गुमराह कर वस्तुस्थिति से अनभिज्ञ रखा गया है।