० बिजली-पानी कटौती, रोजगार गारंटी अघोषित तौर पर बंद, गली-गली में नशे का अवैध कारोबार, यही है भाजपा सरकार का सुशासन
रायपुर। साय सरकार के सुशासन तिहार को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के समय छत्तीसगढ़ की 1 करोड़ महिलाओं से महतारी वंदन का फार्म भरवाये, 18 लाख पीएम आवास देने का फर्जी दावा किये, 5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का झूठा वादा किये, अब उस वादाखिलाफी से ध्यान भटकाने सुशासन तिहार के नाम पर एक बार फिर आवेदन जमा किये जा रहे है, सरकार का फोकस समस्या के निराकरण में नहीं है। सरप्लस बिजली वाले छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद से बिजली कटौती आम हो गया है, पेयजल व्यवस्था बदहाल है, बूंद-बूंद पानी के लिए जनता तरस रही है, मनरेगा के श्रमिक काम के इंतजार में खाली बैठे हैं, शिक्षकों की भर्ती रोक दी गई है, अस्पतालों में जांच, इलाज़, दवा का अभाव है और यह सरकार जन सरोकार से आंख मूंदकर सुशासन तिहार मना रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सुशासन तिहार के दौरान प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री से पूछा जाता है कि पेट में दर्द है तो सीएम साहब सिरदर्द का इलाज़ बताने लगते हैं, सोशल मीडिया में किरकिरी हो रही है। बेहद स्पष्ट है कि रिमोट से संचालित सरकार का दायरा मोदी की गारंटी के गुणगान तक सीमित कर दिया गया है। केवल एक पक्षीय संवाद से असल समस्या का हल संभव नहीं है, सुशासन तिहार के नाम पर यह सरकार केवल इवेंटबाजी कर रही है। इसी तरह से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दर्शन कार्यक्रम में प्रत्येक गुरुवार को आम से प्रत्यक्ष रूबरू होने का वादा किया था, जनता इंतजार करती रही और भेट मुलाकात अघोषित तौर पर बंद कर दिया गया। सुशासन तिहार के पहले और दूसरे चरण में सरकार का दावा है कि लगभग 40 लाख आवेदन आए, जो अब तक लंबित है। सच यह है कि सवा साल के भीतर ही है सरकार इतनी अलोकप्रिय हो चुकी है कि प्रदेश भर के लगभग हर परिवार से एक शिकायत इस सरकार को सीधे तौर पर भेजी गई है, साहस है तो भाजपा सरकार उन सभी शिकायत और उन पर की गई अब तक की कार्रवाई को पब्लिक डोमेन में जारी करें।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सवा साल के भीतर ही शांति का टापू कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ को भाजपा की सरकार ने अपराध गढ़ बना दिया है। हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार, चाकूबाजी की घटनाएं बेतहाशा बढ़ गई हैं। अवैध शराब, मिलावटी शराब, नकली होलोग्राम, भू-माफिया और रेत माफियाओं के गुंडागर्दी की शिकायत है रोज उजागर हो रही है। सत्ता के संरक्षण में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। गर्मी के दिनों में जब कृषि मजदूर खाली हो जाते हैं उस दौरान मनरेगा के काम हर ग्राम पंचायत में खोले जाते रहे हैं, लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद से मनरेगा के मजदूर काम के लिए तरस रहे हैं और यह सरकार आत्ममुग्धता में सुशासन तिहार मनाने का ढोंग कर रही है।