वन विभाग में बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक; तेंदूपत्ता बोनस घोटाला मामले में 11 समिति प्रबंधक बर्खास्त

0 तेंदूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक राशि घोटाला मामले में 11 समिति प्रबंधकों की सेवा समाप्त:-

0 34 हजार संग्राहकों को 5 करोड़ 73 लाख की राशि वितरण को देकर विभाग जांच कर सूची तैयार करने में जुटी

जगदलपुर। वन वृत्त जगदलपुर के मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन मुख्य महाप्रबंधक आरसी दुग्गा ने विभाग में बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की है। श्री दुग्गा ने सुकमा वन मंडल में तेंदूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक राशि वितरण में अनियमिता मामले में 11 समिति प्रबंधकों को बर्खास्त और समिति के संचालक मंडल को भंग कर दिया है। 34 हजार 408 संग्राहकों की 5 करोड़ 72 लाख बोनस राशि वितरण को लेकर विभाग द्वारा जांच पड़ताल कर सूची तैयार की जा रही है।
मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने बताया कि जिला यूनियन सुकमा द्वारा सीजन वर्ष 2021-22 में 50 हजार 274 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 7 करोड़ 85 लाख की बोनस राशि का वितरण किया जाना था। जिसमें संग्राहक के बैंक खातों में 15 हजार 870 संग्राहकों को 2 करोड़ 13 लाख रूपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं। शेष लगभग 34 हजार 408 संग्राहकों को 5 करोड़ 72 लाख का नगद भुगतान किया जाना था। मगर इस राशि की बंदरबांट कर ली गई। मामले सुकमा वन मंडल के डीएफओ को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है। एसीबी ने मामले में कार्रवाई करते हुए डीएफओ को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में 11 समिति प्रबंधकों को भी संलिप्त पाया गया है। इन समिति प्रबंधकों को बर्खास्त कर दिया गया है। शासन से अनुमति प्राप्त होने के उपरांत संघ मुख्यालय द्वारा जिला यूनियन सुकमा को तेंदूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक के नगद वितरण हेतु राशि हस्तांतरित की गई थी । जिला यूनियन सुकमा के अंतर्गत प्राथमिक लघु वनोपज समितियों द्वारा कुछ संग्राहकों को नगद वितरण किया जा चुका है एवं 11 समितियों में कुछ संग्राहकों को वितरण नहीं किया गया है, इसके कारण वन मंडलाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा जांच की जा रही है। वन मंडलाधिकारी सुकमा पर आपराधिक मामले दर्ज करते हुए उनकी गिरफ्तारी की गई है। उसी प्रकार जिन 11 समितियों में नगद प्रोत्साहन पारिश्रमिक का वितरण नहीं किया गया है उन समस्त 11 समितियों के प्रबंधकों को कार्य से पृथक कर दिया गया है, उन 11 समितियों के संचालक मंडल को भी भंग कर दिया गया है। समितियों के नोडल अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जा चुकी है। इन समितियों के कितने संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक राशि प्राप्त नहीं हुई है, उसका छानबीन व परीक्षण किया जा रहा है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। घोटालेबाजों के खिलाफ बस्तर में अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।

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