० प्रबंधकों पर लटक रही है सेवामुक्ति की तलवार
जगदलपुर। आईएफएस अशोक पटेल के जेल दाखिल होने के बाद बस्तर संभाग के सुकमा वन मंडल के 11 लघु वनोपज संग्रहण समिति प्रबंधकों पर नकेल कसना शुरू कर दिया गया है। छग राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक के आदेश पर प्रबंधक संचालक सुकमा द्वारा तेंदूपत्ता बोनस वितरण में गफलत करने वाले 11 प्रबंधकों नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। संतोष जनक जवाब नहीं आने पर इन्हें सेवा से पृथक किया जा सकता है।
ज्ञात हो कि सुकमा वन मंडल में तेंदूपत्ता सीजन वर्ष 2021-22 में 6 करोड़ से अधिक की बोनस राशि के वितरण में गड़बड़ी के मामले में सुकमा के पूर्व डीएफओ अशोक पटेल को निलंबित कर जेल भेज दिया गया है। फिलहाल अशोक पटेल को एसीबी और ईओडब्ल्यू ने रिमांड पर ले रखा है। वन विभाग अब प्रबंधकों के खिलाफ नकेल कसते हुए सेवा से पृथक करने की तैयारी कर चुका है।
ये हैं दागी समिति प्रबंधक
प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति किस्टाराम, फूलबगड़ी, मौलापल्ली, पालाचलमा, जम्गावरम, दुब्बाटोटा, बोड़केल, मिचीगुड़ा, जगरगुंडा, सुकमा समितियों में बोनस राशि का फर्जीवाड़ाकिया गया है। इन समितियों के प्रबंधक संजय रेड्डी, राजेश्वर पुराणिक, पी. सत्यनारायण, सीएच रमना, कवासी मनोज, दारिका दास जोगड़े, नृष्पो सुनौल, कोरसा आयतू, रवि गुप्ता और आनंद दुर्गे हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार किस्टाराम प्रबंधक सहित घालमेल में शामिल सभी 10 प्रबंधकों को विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जा चुका है। उनके ठिकानों पर तालाबंदी होने के कारण घरों पर नोटिस चस्पा करने का निर्देश दिया गया था। विभाग ने नोटिस जारी कर सप्ताह भर में जवाब मांगा है। खबर है कि अब तक एक भी प्रबंधक ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। प्रबंधकों को गिरफ्तारी का भी डर सता रही है। एसीबी और ईओडब्ल्यू इनके ठिकानों पर रेड करने के बाद एफआईआर दर्ज कर चुकी है।
किए जाएंगे बर्खास्त
बोनस राशि वितरण में अनियमितता मामले में 11 प्रबंधकों की संलिप्तता पाई गई है। जिन्हें पालक अधिकारी के माध्यम से नोटिस जारी कर सप्ताह भर में जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं आने पर संलिप्त प्रबंधकों के खिलाफ सेवा से पृथक करने की कार्रवाई करने की जाएगी।
-आरसी दुग्गा,
मुख्य वन संरक्षक,
जगदलपुर वृत्त