दल्ली राजहरा नगर पालिका में 15वें वित्त की राशि से हुए खरीदी घोटाले की होगी जांच

New Doc 04-26-2025 11.36

0 नपा उपाध्यक्ष मनोज दुबे की शिकायत पर नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने लिया एक्शन 
0 नगर पालिका में करीब ढाई करोड़ का घोटाला 
(अर्जुन झा) दल्ली राजहरा। सरकारी धन की किस कदर लूट मचाई जाती है, इसका एक बड़ा उदाहरण दल्ली राजहरा नगर पालिका में सामने आया है, जहां सीएमओ, लेखपाल, सहायक अभियंता और ठेकेदार की चौकड़ी ने शासन को करीब ढाई करोड़ रुपए का चूना लगा दिया है। अब इन भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदार पर शामत आने वाली है। वार्ड-3 वल्लभ नगर के पार्षद एवं नगर पालिका उपाध्यक्ष मनोज दुबे पिंटू ने उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के संज्ञान में लाया है। मंत्री श्री साव ने पूरे मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
वार्ड-3 के पार्षद एवं नगर पालिका उपाध्यक्ष मनोज दुबे पिंटू ने दो दिन पहले उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव से मिल कर नगर पालिका दल्ली राजहरा में चल रही गड़बड़ी की लिखित शिकायत की। मंत्री श्री साव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के आदेश जारी कर दिए। मनोज दुबे पिंटू ने शिकायत में बताया है कि नगर पालिका दल्ली राजहरा ने 15वें वित्त मद से टाइड ग्रांट ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत वाहन उपस्कर के रूप में बेलिंग मशीन, पानी टैंकर, ई कार्ट फार गार्बेज, मोबाइल टायलेट ,इंसीनेटर यूनिट, नाला मेन, सक्शन मशीन ट्वीन बिन (स्टील), ट्राइसाइकिल, टोइंग ट्रेलर मशीन जेम पोर्टल से खरीदी हेतु 2 करोड़ 47 लाख की निविदा जारी की थी। इसमें मुख्य नगर पालिका अधिकारी, लेखपाल एवं सहायक अभियंता द्वारा ठेकदार को लाभ पहुंचाने हेतु भारी अनियमितता बरतते हुए ठेकदार को भुगतान किया गया है। सहायक अभियंता द्वारा अपने चहते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी से सांठगांठ कर खुद को जेम पोर्टल का बायर बनाया गया ओर ठेकेदार के दिए नियम शर्तों को बिना सक्षम स्वीकृति लिए अलग अलग सामानों हेतु एक समान नियम शर्तों की झड़ी लगाकर ठेकेदार को लाभ पहुंचाया गया। मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा बिना सामान आए ही लेखपाल के साथ मिलकर ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया, जिसके बाद समान नगर पालिका में पहुंचा है। इसकी पुष्टि भंडार शाखा की पंजी से की जा सकती है। भुगतान की तारीख ओर स्टॉक पंजी की तारीख से मिलान किया जा सकता है। नगर पालिका में वरिष्ठ अभियंता के रहते आए हुए सामानों का गुणवत्ता परीक्षण भी सहायक अभियंता द्वारा ही किया गया जो कि इसके बायर भी हैं। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इनके द्वारा बिना सामान आए ही भुगतान किया जा चुका था। इस हेतु गुणवत्ता परीक्षण भी स्वयं ही इनके द्वारा किया गया। इन सारी प्रक्रियाओं में इन अधिकारियों ने इतनी जल्दबाजी की गई कि बिल को न विधिवत रूप से किसी लिपिक द्वारा बढ़ाया गया न ही बिल को भंडार शाखा से बढ़ाया गया है। इन भ्रष्ट अधिकारियों को ठेकेदार को बिना सामान आए भुगतान करने की इतनी जल्दी थी कि बिना पीआईसी और परिषद से सक्षम स्वीकृति लिए ही अग्रिम भुगतान कर दिया गया। जिस दिन नगर पालिका में समान आया उसी दिन स्वच्छता दीदियों द्वारा समान खराब होने की शिकायत सामूहिक रूप से नगर पालिका अध्यक्ष से की गई थी और सीएमओ ने दूसरा सामान मंगवाने का वादा कर इन कर्मचारियों पर दबाव बनवाकर उनसे ही इसको काम में लाने के लिए कहकर इसका उपयोग करवाया गया। श्री दुबे ने कहा है कि मार्केट में जो टैंकर 16 लाख 50 हजार रुपए में मिलता है, उसे नगर पालिका अधिकारी द्वारा 45 लाख में और ई रिक्शा जो 128100 में मार्केट में मिलता है उसे 433000 में खरीद कर शासन को लाखों की चपत लगाई गई है। शासन के भंडार नियम का और केंद्र शासन के 15वे वित्त के तहत आदेश का पालन नहीं किया गया। मनोज दुबे पिंटू ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव को बताया कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेंद्र वाडेकर को पूर्व में कोंडागांव नगर पालिका में आर्थिक अनियमितता बरतने पर शासन द्वारा सस्पेंड किया गया है और उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे लेकर फिर से आर्थिक अनियमितता बरतते हुए शासन को लाखों की चपत लगाई है।

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