रिश्तेदार को वार्ड बॉय ने फर्जी ढंग से भर्ती कराकर दो वर्षों में कराया प्रमोशन

0 स्वास्थ्य विभाग में हुई भर्ती की फाईल गायब होने की खबर
0 बाबू के कई काले कारनसमों में विभाग के अधिकारी का संरक्षण

जगदलपुर/नारायणपुर। जिले में स्वास्थ्य विभाग में भर्ती में एक बड़ा खेला किया गया है। अधिकारी के संरक्षण में वहां पदस्त बाबू के द्वारा अपने करीबी दो रिश्तेदारों को फर्जी ढंग से वार्ड बॉय के पद पर भर्ती कराये जाने का मामला प्रकाश में आया है। दोनों रिश्तेदार को पहली पोस्टिंग ओरछा ब्लॉक में स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्ति दिलाकर दोनों को दो वर्ष के समयावधि में प्रमोशन दिलाने का भी बड़ा खेला किया गया है। खबर है कि जिला बनने के बाद वर्ष 2008 में स्वास्थ्य विभाग में हुई भर्ती की फाईल भी गायब हो चुकी है और दोनों सगे रिश्तेदार का तबादला प्रदेश से बाहर कराये जाने की खबर है। उक्त बाबू वर्तमान में लिपिक के पद पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नारायणपुर मुख्यालय स्वास्थ्य विभाग में पदस्त लिपिक की मनमानी के आगे अधिकारी भी मौन में पदस्त है। भर्ती के अलावा विभाग में कई बड़े कारनामे हैं जिनके दबंगई के आगे अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे हैं।

कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नारायणपुर जिला बनने के बाद वर्ष 2008 में स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों पर कई भर्तियां शासन के निमयों के अनुसार कराई गई है। वर्षों से पदस्त एक बाबू लंबे समय से भर्ती से लेकर जीवन दीप समिति मद में बड़ा खेला कर शासन को करोड़ो का चपत लगाया गया है। जिसमें भर्ती प्रक्रिया का एक मामले की जानकारी हाथ लगी है। कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में नारायणपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कई पदों पर भर्ती कराई गई थी। जिसमें वार्ड बॉय के पद पर भर्ती किया जाना था। जानकारी के अनुसार बाबू अपने दो रिश्तेदारों को नियमों को दरकिनार कर वार्ड बॉय के पद पर ओरछा ब्लॉक में भर्ती कराया था जिसमें रोस्टर निमयों
का भी पालन नहीं कर फर्जी ढंग से भर्ती कराकर पात्र लोगों को भर्ती कराने से वंचित किय गया था।
दो वर्ष में हुआ प्रमोशनः
स्वास्थ्य विभाग के बाबू का खेला यही नहीं रूका जिन दो रिश्तेदारों को भर्ती फर्जी ढंगसे कराकर ओरछा में पदस्त कराया गया वह अपने कार्यालय में उपस्थित तक नहीं हुए खबर है कि अनुपस्थित अवधि में बकायदा समय पर वेतन का आहरण कर शासन को लाखों का चपत लगाने की खबर है। दो वर्ष के समयावधि पूर्ण होने के पहले ही दोनों का प्रमोशन करा दिया गया है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि वर्ष 2008 की हुई भर्ती मामले की फाईल भी गायब हो चुकी है। दफ्तर से ऐसी फाईल गायब होना कई शंकाओं को जन्म देता है। उक्त बाबू द्वारा भर्ती ही नहीं जीवन दीप समिति मद में भी बड़ा खेला किया गया है जिसमें विभाग के अधिकारी का भी संरक्षण होने की खबर है। उक्त बाबू की भर्ती दंतेवाड़ा जिले के गीदम में मलेरिया वर्ककर के रूप में हुई थी। जो वहां से जुगाड़ जमाकर प्रमोशन पाकर वर्षों से एक ही स्थान पर बाबूगिरी कर मालामाल होकर शासन के खजाने में सेंधमारी करने में जुटा है।
आईएएस अफसर के दबाव में जांच टली:-

विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के तेज तर्रार आईएएस अफसर को मामला संज्ञान में आने पर काले कारनामों की फाईल ओपन करने की साहस तो जुटाई थी मामले की पड़ताल भी शुरू हो चुकी थी। इनके एक करीबी आईएएस अफसर के हस्तक्षेप के बाद मामले की जांच में रूकावट आने की खबर है। देखना होगा कि बाबू काला चिट्टा का फाईल कब सार्वजनिक होगा।

फाईल तलाशने में जुटा विभाग

कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि ओरछा में पदस्त दो वार्ड बॉय की भर्ती फर्जी ढंग से नियमों के विरूद्ध हुआ था जिसका फाईल गायब हो चुकी है। खबर है कि वर्तमान में दोनों सरगुजा संभाग में सहायक ग्रेड 3 के रूप में कार्य कर रहे हैं। फिलहाल मामले में की जांच संयुक्त कलेक्टर द्वारा किया जा रहा है।

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