रायपुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने देशभर में खलबली मचा दी है। इस कायराना हमले के विरोध में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में आज जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। राजधानी रायपुर और गरियाबंद में आयोजित जनआक्रोश रैलियों में मुस्लिम समुदाय ने पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ अपना गुस्सा उतारा और आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
रायपुर में हुआ ऐतिहासिक जनआक्रोश प्रदर्शन:
राजधानी रायपुर में मुस्लिम समाज ने एक विशाल रैली का आयोजन किया, जो इतिहास में दर्ज होने वाली थी। रैली औलिया चौक, मोतीबाग से शुरू होकर कलेक्ट्रेट परिसर तक निकाली गई। पूर्व महापौर ऐजाज ढेबर समेत हजारों मुस्लिम समाज के लोग काली पट्टी बांधकर शामिल हुए और आतंकवादियों के खिलाफ नारे लगाए। पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे गूंजते रहे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पुतला फूंकते हुए देशभक्ति के गगनचुंबी नारे हिंदुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय ने रैली को देशभक्ति की शक्ति से भर दिया।
यह रैली न केवल आतंकवाद के खिलाफ गुस्से का प्रतीक थी, बल्कि पूरे देश में एकजुटता का संदेश देने के लिए एकजुटता का बड़ा उदाहरण पेश किया। इस प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ पूरे देश की आवाज एक है और कभी भी कहीं भी उठ सकती है।
गरियाबंद में भी भारी विरोध प्रदर्शन:
इसी तरह गरियाबंद जिले में भी मुस्लिम समाज ने जुमे की नमाज के बाद विशाल जनआक्रोश रैली का आयोजन किया। सैकड़ों लोग काली पट्टी बांधकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए तिरंगा चौक तक पहुंचे। शांतिपूर्ण तरीके से यह रैली मस्जिद से शुरू होकर तिरंगा चौक तक पहुंची, जहां आतंकवाद का पुतला दहन किया गया। रैली में पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवाद मुर्दाबाद और भारत माता की जय के जोशीले नारे गूंज रहे थे, जिससे विरोध और देशभक्ति का मिश्रण साफ नजर आ रहा था।
यह रैली जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में आयोजित की गई थी, जिसमें 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। गरियाबंद के मुस्लिम समाज ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए शांति और एकता का संदेश दिया और आतंकवादियों को जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी सजा देने की मांग की। तिरंगे झंडे और आतंकवाद विरोधी बैनर लहराते हुए रैली ने यह संदेश दिया कि देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम:
स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, जिससे रैली पूरी तरह शांतिपूर्ण रही। इस आंदोलन ने साबित कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ देश की आवाज हमेशा एकजुट हो सकती है और हर जगह उठ सकती है। यह रैली न केवल एक विरोध प्रदर्शन थी, बल्कि यह दिखा दिया कि देश में आतंकवाद के खिलाफ एकता और देशभक्ति की भावना कभी कमजोर नहीं पड़ सकती।