परिहार के निलंबन के मायने आखिर क्या?

0 अजय के जुझारूपन और आक्रामक तेवर को पचा नहीं पा रहे हैं अधिकारी 

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की बस्तर जिला इकाई के अध्यक्ष पद के लिए होने जस जा रहे चुनाव के बीच अध्यक्ष पद के उम्मीदवार एवं तोकापाल विकासखंड के बारूपाटा उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी अजय प्रताप सिंह परिहार को अचानकमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने निलंबित कर दिया है। इस निलंबन को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कहा जा रहा है कि परिहार के जुझारूपन और आक्रामक तेवर को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पचा नहीं पा रहे हैं और वे दूसरे उम्मीदवार को अध्यक्ष बनवाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अजय परिहार के निलंबन का आदेश जारी होते ही प्रतिद्वंदी उम्मीदवार का एकाएक सक्रिय हो जाना भी परिस्थितियों को रहस्यमय बनाता नजर आ रहा है।
अजय प्रताप सिंह परिहार के निलंबन आदेश में भी विरोधाभास नजर आ रहा है। एक आदेश में श्री परिहार के मुख्यालय में न रहने को वजह बताई गई है। जबकि एक अन्य आदेश में उनकी अनुकंपा नियुक्ति के खिलाफ शिकायत को आधार माना गया है।वजह चाहे जो भी हो। अगर निलंबित करना ही था तो यह कार्रवाई पहले भी की जा सकती थी। अगर परिहार की कोई गलती है तो वह गलती एक दो दिन में तो की नहीं गई होगी। ऐन अध्यक्ष पद के चुनाव के बीच अजय प्रताप को निलंबित किया जाना कई सवालों को जन्म दे गया है। वह भी तब जबकि अजय प्रताप सिंह परिहार स्वयं अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और आम नागरिकों के बीच चर्चा है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नहीं चाहते कि अजय प्रताप संघ का अध्यक्ष बने। क्योंकि वे कर्मचारियों के हक में अधिकारियों से भी अक्सर भिड़ जाया करते हैं। वे अपने पिछले कार्यकल के दौरान विभाग के कई अधिकारियों की पोल पट्टी खोल चुके हैं। उनका आक्रामक तेवर भी अधिकारियों को रास नहीं आ रहा है। इसलिए एकमात्र प्रतिद्वंदी महिला प्रत्याशी की जीत की राह आसान बनाने के लिए सीएमएचओ ने परिहार को निलंबित किया है।

सक्रिय हुई प्रतिद्वंदी प्रत्याशी

अजय प्रताप सिंह परिहार के खिलाफ निलंबन आदेश जारी होते ही अध्यक्ष पद की एकमात्र प्रतिद्वंदी महिला प्रत्याशी रीमा दानी ने अचानक मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कलेक्टर को आवेदन देकर जिला अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अजय परिहार को उनके निलंबन का हवाला देते हुए निर्वाचन में भाग लेने के लिए अयोग्य करार देने का आग्रह किया है। श्रीमती दानी ने आवेदन में लिखा है कि कलेक्टर के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बस्तर द्वारा परिहार को निलंबित किया गया है और 07 दिवस के अंदर अपना पक्ष रखने हेतु आदेशित किया गया है, जिसके उपरांत इनकी शासकीय सेवा समाप्त करने का उल्लेख किया गया है, ऐसे व्यक्ति को संघ के सम्मानित जिलाध्यक्ष पद पर निर्वाचन हेतु योग्य घोषित किया जाना संघ की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड होगा। आपके द्वारा निर्वाचन हेतु घोषित नियमावली में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि किसी एक उम्मीद्वार की उम्मीद्वारी रद्द की जाती है तो दूसरे उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जाएगा। श्री के निलंबन एवं आने वाले दिनों में इनको बर्खास्तगी की संभावना को देखते हुए लगभग 930 स्वास्थ्य कर्मचारियों के स्वाभिमान और सम्मान की खातिर तत्काल अजय परिहार को निर्वाचन हेतु अयोग्य घोषित किया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *