रायपुर। राजधानी में कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री निवास घेराव के साथ ही सियासत का पारा चढ़ गया है। एक ओर जहां बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने कांग्रेस के प्रदर्शन को ज़िंदा रहने की तड़प बताया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चंद्राकर को दूध में पड़ी मक्खी करार देते हुए करारा जवाब दिया।
चंद्राकर ने कांग्रेस के प्रदर्शन को राजनीतिक नौटंकी बताते हुए चुटकी ली, कांग्रेस अब सिर्फ दिखावे की राजनीति कर रही है। ज़िंदा रहना है तो कुछ तो करना ही पड़ेगा। मेरी सहानुभूति उनके इन प्रयासों के साथ है। उन्होंने ये भी तंज कसा कि कांग्रेस के कई बड़े नेता प्रदर्शन से नदारद रहे, और भूपेश बघेल भुवनेश्वर की सैर कर रहे हैं। चंद्राकर बोले, “परिवारवादी पार्टियों में नेता वही होते हैं जो परिवार से आते हैं, जननेता तो कोई होता ही नहीं।
संविधान पर तकरार:
कांग्रेस के “संविधान बचाओ अभियान” पर चंद्राकर का हमला और तीखा रहा। बोले, “आपातकाल किसने लगाया? संविधान को सबसे ज्यादा चोट किसने दी? अंबेडकर जी के नाम पर अब प्यार उमड़ रहा है?” वक्फ बोर्ड और जन जागरण अभियान पर भी चंद्राकर ने कांग्रेस को ‘भेड़िया आया भेड़िया’ की राजनीति करने वाला बताया।
बघेल का पलटवार:
चंद्राकर की टिप्पणियों पर बघेल ने तीखा पलटवार किया – “अजय चंद्राकर बीजेपी में दूध में पड़ी मक्खी बन गए हैं। मंत्रिमंडल में जगह की आस लगाए बैठे थे, पर अब हाशिये पर पहुंचा दिए गए हैं। पहले अपनी पार्टी में देख लें, फिर कांग्रेस को ज्ञान दें।”
सीएम विष्णु देव साय के आदिवासियों को ‘सबसे बड़ा हिंदू’ बताने वाले बयान पर भी बघेल आगबबूला हुए। उन्होंने कहा, “आदिवासियों की पहचान और अधिकारों पर सीधा हमला हो रहा है। मुख्यमंत्री को संविधान पढ़ने की जरूरत है, ऐसे गैरजिम्मेदार बयान देश और समाज को पीछे ले जाएंगे।”
उपराष्ट्रपति पर भी तीखी टिप्पणी:
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सुप्रीम कोर्ट को ‘सुपर संसद’ बताने और न्यायपालिका को ‘परमाणु मिसाइल’ करार देने वाले बयान पर भी बघेल ने पलटवार किया। कहा, “सुप्रीम कोर्ट लोकतंत्र की रक्षा कर रहा है। राज्यपाल के पास लंबित बिलों पर भी कोर्ट ने निर्देश दिए, फिर उपराष्ट्रपति को आपत्ति क्यों?”
कांग्रेस का दावा – कानून व्यवस्था बिगड़ी, प्रदर्शन ज़रूरी:
बघेल ने मुख्यमंत्री निवास घेराव को जनहित में बताया और आरोप लगाया कि “राज्य में कानून व्यवस्था नाम की चीज़ बची नहीं। बीजेपी के खुद के नेता सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। सरकार के हाथ से हालात फिसल चुके हैं।”