रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपी पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से मिली ज़मानत के बाद भी राहत नसीब नहीं हो रही है। शुक्रवार को दिल्ली से आई CBI की टीम ने एक बार फिर उनके घर पर छापेमारी की है, जिससे प्रदेश की सियासत में जबरदस्त हलचल मच गई है।
टुटेजा सिर्फ शराब घोटाले में ही नहीं, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग और कुख्यात महादेव सट्टा एप मामले में भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई की आज की रेड महज संयोग नहीं, बल्कि किसी बड़ी कड़ी की तलाश में है।
गौरतलब है कि एक महीने पहले ही CBI ने महादेव सट्टा एप कनेक्शन में टुटेजा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधायक देवेंद्र यादव और आईपीएस अभिषेक पल्लव सहित कई रसूखदारों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी।
हालांकि आज की छापेमारी किस मामले को लेकर है, इस पर CBI ने आधिकारिक तौर पर चुप्पी साध रखी है। लेकिन जानकार मान रहे हैं कि यह कार्रवाई घोटाले के तार और गहराई तक खोजने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकती है।
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक के सरकारी शराब घोटाले को अंजाम दिया गया। इस सिंडिकेट में अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर की मुख्य भूमिका थी।
अब जब अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से सिर्फ ईडी के केस में जमानत मिली है, लेकिन CBI और EOW की जांचें अभी भी जारी हैं। ऐसे में टुटेजा की मुश्किलें खत्म होने के बजाय और भी बढ़ती नजर आ रही हैं।