16 अप्रैल की नक्सली घटनाओं को याद कर भावुक हुए डिप्टी सीएम विजय शर्मा

० गृहमंत्री शर्मा ने शहीद जवानों एवं नक्सल हिंसा का शिकार बने आदिवासियों को दी श्रद्धांजलि 

जगदलपुर। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के उसूर और पामेड़ क्षेत्र में 16 अप्रैल सन 2006 और 2008 में नक्सलियों द्वारा किए गए कायराना बर्बरता पूर्ण हमले को याद कर उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा आज भावुक हो उठे। श्री शर्मा ने इन दोनों हमलों में शहीद हुए जवानों एवं नक्सल हिंसा का शिकार बने निर्दोष आदिवासियों को सजल आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 16 अप्रैल हमारे प्रदेश के इतिहास में एक अमानवीय, रक्तरंजित और दुःखद स्मृति के रूप में दर्ज है। 2006 में 16 अप्रैल को बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मुरकीपार स्थित पुलिस पोस्ट पर नक्सलियों द्वारा किया गया कायरतापूर्ण हमला आज भी हमें झकझोर देता है। इस हमले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 9वीं वाहिनी ए कंपनी के 4 वीर जवान एवं 7 विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) वीरगति को प्राप्त हुए थे। 1 पुलिसकर्मी और 3 एसपीओ गंभीर रूप से घायल हुए थे। उनका बलिदान हमारी सुरक्षा और संविधान की रक्षा के लिए था, जिसे हम कभी नहीं भूल सकते।

श्री शर्मा ने आगे कहा कि इसके दो वर्ष पश्चात 16 अप्रैल 2008 को बीजापुर के पामेड़ के जंगलों और खेतों में मुखबिरी के संदेह में कंचाल निवासी 6 निर्दोष आदिवासियों माड़वी देवा, माड़वी कुंजाम, माड़वी सोमारू, माड़वी केसा, माड़वी आयता और करतम देवा की नक्सलियों ने निर्मम हत्या कर दी थी। यह न केवल अमानवीयता का चरम था, बल्कि उस आदिवासी समाज पर एक गहरा आघात भी था जो शांति और सरलता का प्रतीक है। उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार शहीदों के परिजनों और पीड़ित परिवारों के साथ पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है। नक्सल हिंसा के विरुद्ध यह लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रहेगी और एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण छत्तीसगढ़ का निर्माण ही हमारे वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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