रायपुर। बिलासपुर में बच्चों को जबरिया नमाज पढ़ाने की घटना की जांच होनी चाहिये। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह घटना गंभीर है प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब पर प्रहार करने का षडयंत्र प्रतीत हो रहा है। बिलासपुर में एनएसएस के गैर मुस्लिम छात्रों को जबरिया नमाज पढ़वाने की घटना न केवल गैरकानूनी है बल्कि असवैधानिक भी है। धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। छत्तीसगढ़ के शांत प्रदेश, जहां 95 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है वहां इस प्रकार की घटना राजनैतिक लाभ के लिए गंभीर षड्यंत्र का संदेह पैदा करती है। बिना सत्ता के संरक्षण के किसी इंस्ट्रक्टर के द्वारा ऐसा कृत्य करने की हिम्मत नहीं हो सकती। इस मामले में भाजपा की डबल इंजन की सरकार दोषी है। बिलासपुर की यूनिवर्सिटी केन्द्रीय यूनिवर्सिटी है। संचालन राज्य सरकार द्वारा हो रहा है, दोषी केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों है। इसका जवाब राज्य, मोदी सरकार को देना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आरएसएस, बीजेपी का इतिहास रहा है कि ये अपने नफरती एजेंडे के लिए जमीन तैयार करवाने इस तरह की घटनाएं कारित करवाते हैं ताकि धार्मिक ध्रुवीकरण का अवसर मिले। इसी तरह से संघी भाजपाइयों का उन्मादी चरित्र कवर्धा बिरनपुर और नारायणपुर में भी उजागर हुआ था नारायणपुर में तो भाजपा के जिला अध्यक्ष एसपी पर पथराव करते पाए गए।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सांप्रदायिक फिजा को खराब किए जाने वाले हर षडयंत्र के निष्पक्ष जांच होना चाहिए। एनएसएस के उस कैंप में 159 छात्र थे जिसमें केवल 4 छात्र मुस्लिम थे। बिलासपुर में गैर मुस्लिम जबरिया नमाज पढाने की इस घटना का हाईकोर्ट के सिटिंग जज के निर्देशन में जांच किया जाए।