0 पात्र और जरूरतमंद बच्चे निःशुल्क शिक्षा के अधिकार से वंचित, अपात्रों को मिल रहा है संरक्षण
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में कमजोर वर्ग के लोगों के लिए मुफ्त शिक्षा के लिए आरक्षित सीटों में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री के विभाग में ही सबसे ज्यादा धांधली हो रही है। भाजपा नेताओं के संरक्षण में अधिकारी आरटीई की सीटें बेच रहे हैं। पालकों की शिकायत यह है कि RTE के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए नाम पहले से तय कर लिए जाते हैं, सूची बनने के बाद उसके आधार पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं। बड़े और प्रतिष्ठित स्कूलों के आसपास बड़ी संख्या में बाहर के लोगों के द्वारा फर्जी किरायानामा तैयार करवा कर सीटें हथिया ली जाती है, सरकार और सरकार के इशारे पर शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारी इस तरह के फर्जीवाड़े पर शुतुरमुर्ग की तरह मुंह छुपा लेते हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जिस गांव या वार्ड की जमीन पर ये स्कूल संचालित है, उस क्षेत्र के गरीब बच्चों का वहां आरटीई के तहत प्रवेश में पहला अधिकार है, लेकिन फर्जी दस्तावेज, कूटरचित किरायानामा और बिना दस्तावेजों के उचित सत्यापन के आरटीई की सीटें आबंटित की जा रही है। निःशुल्क शिक्षा की सीट बेचने की प्रक्रिया में भाजपा के बड़े-बड़े नेता अनुशंसा पत्र जारी करते हैं, अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाकर फर्जीवाड़ा करने बाध्य करते हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि साय सरकार में जंगल राज चल रहा है। पात्र हितग्राही योजनाओं के लाभ से वंचित है, लेकिन साय सरकार में अपात्रों पर विशेष कृपा बरस रही है। शिक्षा विभाग एक संगठित गिरोह के तौर पर संचालित है। शिक्षा माफिया पूरे प्रदेश में सक्रिय हैं, विगत दिनों पाठ्य पुस्तक घोटाला सामने आया था, जो किताबें स्कूली बच्चों के बैग में होनी चाहिए वह कबाड़ की दुकानों और कागज गलाने के कारखाने तक पहुंच रहे हैं। भाजपा के जंगलराज में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि गरीब घर के बच्चों के आरटीई के तहत अधिकारों को छिनने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो, आरटीई की तहत आवंटित सीटों की सूची का सोशल ऑडिट स्थानीय निकाय के सामान्य सभा में किया जाए तथा प्रत्येक पात्र हितग्राही का फिजिकल वेरीफिकेशन अनिवार्य किया जाए।