इंद्रावती बचाओ अभियान के तहत बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में कांग्रेस

 

0 पीसीसी चीफ दीपक बैज ने साय सरकार पर लगाया उदासीनता का आरोप 
0 इंद्रावती नदी को लेकर किसानों संग की बैठक 
(अर्जुन झा)
जगदलपुर। बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी की बदहाली को लेकर अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मोर्चा खोल दिया है। श्री बैज ने कहा है कि साय सरकार की उदासीनता की वजह से इंद्रावती नदी लगातार सूख रही है।
इंद्रावती नदी के मसले को लेकर आज किसानों एवं ग्रामीणों के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बड़ी बैठक की। दीपक बैज ने कहा आने वाले समय में प्रदेश सरकार के खिलाफ बड़े जन आंदोलन की तैयारी चल रही है। बस्तर की प्राणदायिनी नदी इंद्रावती के लिए हम जनता के साथ मिलकर हर लड़ाई लड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा आने वाले समय में प्रदेश सरकार के खिलाफ बड़े जन आंदोलन की तैयारी चल रही है। हमारा बस्तर डबल इंजन के कुशासन की भरपाई करने के लिए मजबूर है। भारत का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट जलप्रपात का यह हाल देखिए। इंद्रावती नदी छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान का वह अंश और बस्तर की जीवनदायिनी है। हमारे आदिवासी, किसान, जीव-जंतु, हमारा जंगल इंद्रावती पर निर्भर है।


ओडिसा से निकलने वाली इंद्रावती नदी की कुल लंबाई 535 किमी है। जिसमें ओडिसा में 164 किमी और छत्तीसगढ़ में 233 किमी की यात्रा इंद्रावती करती है। इंद्रावती का आधा हिस्सा छत्तीसगढ़ से गुजरता है, लेकिन दोनों तरफ की डबल इंजन सरकार का कमाल देखिए कि आज छत्तीसगढ़ में केवल 16 प्रतिशत ही पानी ही छोड़ा जा रहा है।

इंद्रावती की गोद में बीता है मेरा बचपन

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज ने कहा कि चित्रकोट जलप्रपात की यह हालत भाजपा सरकार की बस्तर के साथ की जा रही बेईमानी को बयां कर रही है। प्रदेश के टूरिज्म को बढ़ावा देने का दंभ भरने वाली सरकार धरती की प्यास बुझाने के काबिल भी नहीं बची है पर्यटन तो दूर की कौड़ी रही।
मेरा बचपन यहां बीता है, मैंने इस नदी में तैरना सीखा है, बहाव को काटकर आगे बढ़ना सीखा है इसलिए बस्तर और इंद्रावती के इस दर्द को महसूस कर सकता हूं। दोनों तरफ की डबल इंजन सरकार से मेरी दरख्वास्त है कि बस्तर की छाती पर आरी चलाना बंद करे। यह प्रकृति का दिया आशीर्वाद है, बस्तरवासियों से उनका अधिकार मत छीनें। बस्तर का हर आम जनमानस अब इंद्रावती को बचाने की लड़ाई लड़ने तैयार है। जल्द ही इंद्रावती नदी बचाने जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा और इस गूंगी बहरी सरकार से अपना अधिकार लिया जाएगा।

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