0 आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाने में फिसड्डी साबित हुए बीईओ
जगदलपुर। आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र बनाने के मामले में बस्तर जिले के पांच विकासखंड शिक्षा अधिकारी फिसड्डी साबित हुए हैं। इन बीईओ के गैरजिम्मेदाराना रवैए को लेकर कलेक्टर हरिस एस. खासे नाराज हो उठे हैं। उन्होंने इन पांचों बीईओ के अप्रैल माह का वेतन रोकने का आदेश जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल को दिए हैं।
दरअसल साप्ताहिक समय सीमा बैठक में कलेक्टर जिले में चलाए जा रहे अभियानों और कार्यक्रमों की भी समीक्षा करते हैं। पिछली समय सीमा बैठक के दौरान कलेक्टर के संज्ञान में यह बात आई कि विद्यार्थियों के आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाने के मामले में विकासखंड जगदलपुर, बस्तर, बकावंड, बास्तनार और दरभा बहुत ही पीछे चल रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल ने कलेक्टर हरिस एस. एवं जिला पंचायत सीईओ प्रतीक जैन के समक्ष पूरा ब्यौरा प्रस्तुत किया था। कलेक्टर और सीईओ की जानकारी में यह बात भी लाई गई कि बार बार निर्देश और समझाईश देने के बाद भी इन पांचों विकासखंडों के बीईओ ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और वे लापरवाही बरतते रहे। इसका परिणाम यह हुआ कि आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र बनाने के मामले में राज्य स्तर पर बस्तर जिले की वरीयता बुरी तरह प्रभावित हो गई। कलेक्टर हरिस एस. ने इसे गंभीर लापरवाही और राज्य सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 प्रतिकूल माना है। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल को आदेशित किया है कि जगदलपुर, बस्तर, बकावंड, बास्तनार और दरभा विकासखंडों के खंड शिक्षा अधिकारियों का अप्रैल माह का वेतन रोक दिया जाए। आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र बनाने के मामले में सिर्फ तोकापाल और लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के कार्य ही संतोषजनक पाए गए हैं।