रायपुर। छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज और हर्बल उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी नवा रायपुर में क्रेता-विक्रेता (बॉयर-सेलर मीट) का आयोजन किया गया। लघु वनोपज संघ द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों के क्रेता शामिल हुए। इसका शुभारंम छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप जी द्वारा किया गया।
इस सम्मेलन में देश एवं छत्तीसगढ़ राज्य के नामी संस्थाओं हिमालय बिजनेस संस्थान, लाभब्दी हर्बल, छत्तीसगढ़ फूड प्रोडक्ट एवं राधिका एग्रो फूड इंटरप्राईजेस समेत कुल 4 संस्थाओं के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा लगभग राशि 5 करोड़ का एमओयू हस्ताक्षरित किए गए। इन संस्थाओं के साथ एमओयू होने से छत्तीसगढ़ राज्य के महिला स्व-सहायता समूहों एवं वनोपज संग्राहकों को सीधे रूप से लाभ प्राप्त होगा। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों से आए हुए स्व-सहायता समूहों एवं वनोपज संग्राहकों से चर्चा की। अपने उद्बोधन में उन्होंने संग्राहकों के आय में और किस प्रकार वृद्धि की जा सकती है एवं वनवासी संग्राहकों की आर्थिक सहायता के लिए मार्गदर्शन दिया। इसके अतिरिक्त वनोपज के संग्रहण के साथ-साथ मूल्यवर्धन एवं वनों की सुरक्षा हेतु विशेष प्रयास करने हेतु आग्रह किया गया। लघु वनोपज में संग्रहण होने वाली 65 प्रजातियों की प्रदर्शनी एवं वनोपज के उत्पादों के स्टॉल लगाए गए थे, जिन्हें बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला। छत्तीसगढ़ हर्बल के ब्रांड अंतर्गत बनने वाले हर्बल उत्पाद शहद, जामुन जूस, त्रिफला चूर्ण, च्यवनप्राश, कोदो कुटकी एवं रागी से बनाए गए विभिन्न प्रकार के उत्पादों का स्टॉल सह विक्रय केन्द्र लगाया गया। इस कार्यक्रम में वनमंत्री केदार कश्यप के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक, अनिल कुमार साहू, एआईओआई के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. पी.व्ही.एस.एम. गौरी, आईआईटी रायपुर के डीन डॉ. केजी. श्रीनिवास एवं लघु वनोपज संघ के कार्यकारी संचालक मणिवासगन एस., लघु वनोपज विशेषज्ञ बी. आनंद बाबू एवं बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ राज्य के क्रेता विक्रेता एवं लघु वनोपज संघ के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।