० बैंक ऑफ इंडिया रायगढ़ ब्रांच में लोन देने के नाम पर हुआ बड़ा स्कैम
रायपुर। बैंक ऑफ इंडिया की रायगढ़ शाखा में लोन देने के नाम पर बड़ा स्कैम सामने आया है। इसे बैंक के ही अधिकारियों ने अंजाम दिया है। मां दुर्गा फूड प्रोडक्ट को लोन देने के नाम पर इन जोनल और डिप्टी जोनल मैनेजर तथा ब्रांच मैनेजर की मिलीभगत से खेल खेला गया है। राइस मिलर को 31 अगस्त को 8.50 करोड़ रुपए का लोन दिया गया। 6 माह में ही 10 फरवरी 2025 को उनके खाते को एनपीए घोषित कर उन पर 16 करोड़ रुपए की वसूली के लिए नोटिस जारी कर दिया गया।
सुभाष अग्रवाल भाटा की रोड वार्ड नंबर 5 बरगढ़, जिला रायगढ़ के नाम से यह लोन जारी किया गया था।बैंक ऑफ इंडिया में लोन का प्रोसीजर पूरी करने के बाद उनका खाता खाेला गया। बताया गया है कि जोनल मैनेजर गायत्री कंपा, उप जोनल मैनेजर नागेंद्र चौरसिया, मुख्य प्रबंधक आशुतोष अरुण और निभास प्रधान की भूमिका लोन पास कराने में थी। मामले में जेपी तिवारी, शाखा प्रबंधक और लोन अधिकारी पवन कुमार की भूमिका भी संदिग्ध है। लोन पास होने के बाद राशि का आहरण कर लिया गया। अगस्त 2024 में खाता खोले जाने के 6 माह बाद राइस मिलर के खाते को 10 फरवरी 2025 को एनपीए घोषित करते हुए उन्हें लोन सेटलमेंट के लिए नया ऑफर दिया गया। बताया गया है कि सेटलमेंट के तौर पर लगभग 3 करोड़ रुपए का भुगतान कर इस प्रकरण को खत्म करने का ऑफर दिया गया। पूरे मामले में बड़े घोटाले को अंजाम दिए जाने का अंदेशा है।
जांच से खुल जाएगी कलई
बताया जाता है कि मामले को छिपाने के लिए सेटलमेंट किया जा रहा है। जोनल मैनेजर द्वारा छोटे अधिकारी को परेशान किया जाता है। छोटे अधिकारी द्वारा लोन खराब होने पर उसे डरा दिया जाता है या उनके ऊपर अनुशासन के तहत कार्रवाई की जाती है। मामले में बड़े अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। इतनी बड़ी लोन की राशि बिना किसी वेरिफिकेशन के जारी करने में बैक ऑफ इंडिया के अफसरों की भूमिका की जांच करने से ही मामला पूरी तरह से सामने आएगा। बैंक के दोषी अधिकारी पर पूरे मामले में जांच कराने की मांग उठ रही है।