अगले चैत्र नवरात्रि तक खत्म हो लाल आतंक! बस्तर की धरती से गरजे अमित शाह, बस्तर पंडुम को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच

रायपुर/दंतेवाड़ा। बस्तर की पावन भूमि से आज इतिहास गूंज उठा! बस्तर पंडुम 2025 के भव्य समापन समारोह में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंच पर आए तो उनका संबोधन केवल औपचारिक नहीं था यह नक्सलवाद के खिलाफ एक निर्णायक हुंकार था। मां दंतेश्वरी के चरणों में शीश नवाकर अमित शाह बोले मैं मां से आशीर्वाद लेकर आया हूं कि अगले चैत्र नवरात्रि तक बस्तर से लाल आतंक का पूर्ण सफाया हो और हमारा बस्तर बने समृद्ध, शांत और स्वाभिमानी।

बस्तर पंडुम: अब न केवल बस्तर का, बल्कि भारत का पर्व

हज़ारों आदिवासियों की उपस्थिति में शाह ने यह भी ऐलान किया कि अब बस्तर पंडुम केवल एक क्षेत्रीय उत्सव नहीं रहेगा। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश लेकर आए हैं अगले साल बस्तर पंडुम में देश के हर आदिवासी जिले से कलाकार जुटेंगे, और इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए विदेशी राजदूतों को बस्तर लाया जाएगा। यह घोषणा सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि भारत की जनजातीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर पहुंचाने का संकल्प है।

5 करोड़ का सांस्कृतिक निवेश: बस्तर की पहचान को नया आकार

इस ऐतिहासिक आयोजन में 12 मार्च से अब तक ₹5 करोड़ का बजट खर्च हुआ—जो कि बस्तर के सांस्कृतिक इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन बन चुका है। इसमें बस्तर की लोककला, शिल्प, तीज-त्योहार, बोली-भाषा, वेशभूषा, पारंपरिक खान-पान और संगीत को असल रूप में जीवंत किया गया। हमारी परंपराएं सिर्फ इतिहास नहीं, हमारा भविष्य हैं। बस्तर पंडुम अब परंपरा, पहचान और प्रगति का प्रतीक बनेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *