0 सवा साल में लगभग 350 नक्सलियों को सुरक्षा और पुलिस बल के जवानों ने मार गिराया, लगभग 1261 नक्सली गिरफ्तार हुए और लगभग 1150 नक्सलियों ने आत्म-समर्पण किया
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा जिस सटीक समन्वित ऱणनीति और संकल्पशक्ति का परिचय दे रहे हैं, वह अभिनन्दनीय है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा सरकार की इस सख्त पहल से प्रदेश की शांतिप्रिय जनता-जनार्दन में अभूतपूर्व विश्वास का वातावरण बना है कि एक वर्ष के भीतर 31 मार्च, 2026 तक छत्तीसगढ़ नक्सली आतंक के साये से पूरी तरह मुक्त होकर रहेगा।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह का एक लक्ष्य मार्च, 2026 तक प्रदेश को नक्सल-मुक्त करना है और उस दिशा में लगातार पूरे संकल्प के साथ प्रदेश सरकार काम कर रही है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने साफ कर दिया है कि नक्सली गोली की भाषा छोड़ें, अन्यथा नक्सली जिस भाषा में समझेंगे, उनसे उसी भाषा में बात की जाएगी। पिछले लगभग सवा साल के शासनकाल में भाजपा सरकार जिस दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देकर नक्लवाद के समूल उन्मूलन के लिए उनकी मांद में घुसकर नक्सलियों का सफाया कर रही है, वह इस बात का प्रमाण है कि भाजपा जो कहती है, वह करती है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले सवा साल में मुठभेड़ों में लगभग 350 नक्सलियों को सुरक्षा और पुलिस बल के जवानों ने मार गिराया है, लगभग 1261 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं और लगभग 1150 नक्सलियों ने आत्म-समर्पण किया है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जिस तरीके से दुर्दान्त इनामी नक्सली आत्म-समर्पण कर रहे हैं, मारे और गिरफ्तार किए जा रहे हैं, उससे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश की जनता में उत्साह और विश्वास का माहौल बना है। श्री श्रीवास्तव ने नक्सली आतंक के खात्मे की इस पहल को लेकर कांग्रेस के रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कांग्रेसी आज सवाल कर रहे हैं कि 15 वर्षों के अपने पूर्ववर्ती शासनकाल में भाजपा की सरकार ने क्या किया? दरअसल, आज नक्सलियों का जो खात्मा हो रहा है, नक्सली मारे जा रहे हैं उससे नक्सलियों के साथ भाईचारा निभाते कांग्रेसियों को अपनी दुकानदारी बंद होती दिख रही है, इसलिए वे प्रलाप कर रहे हैं। कांग्रेस में घबराहट है कि अब आखिर किन मुद्दों को लेकर कांग्रेसी राजनीति करेंगे? कांग्रेसी नक्सलियों को पाल-पोसकर राजनीति करते थे, नक्सलियों को संरक्षण देते थे लेकिन अब नक्सली नेस्तनाबूद हो रहे हैं।