अधीक्षक की लापरवाही से चली गई बच्चे की जान

०  दुगईगुड़ा पोटा केबिन में पढ़ रहे छात्र की मौत 
०  पोटा केबिन में हुआ था बीमार, घर में हुई मौत 
०  पूर्व जिपं उपाध्यक्ष कारम ने कहा बीमार छात्र को क्यों घर भेजा गया घर?
जगदलपुर। बीजापुर जिले के उसूर ब्लाक के दुगईगुड़ा पोर्टा केबिन में अध्ययनरत कक्षा तीसरी के छात्र नीतीश धुर्वा की आकस्मिक मौत से संस्था प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
बताया गया है कि छात्र नीतीश दो दिन पहले अपने परिजनों के साथ गांव जिनिप्पा गया था। जहां उसका आकस्मिक निधन हो गया। ऐन परीक्षा के वक्त परिजनों के साथ छात्र को घर क्यों भेज दिया गया? क्या छात्र बीमार था? इन सब बातों को लेकर अब अधीक्षक पर सवाल उठ रहे हैं। पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम ने कहा कि छात्र को परीक्षा के समय किसकी अनुमति से घर जाने दिया गया ? क्या छात्र बीमार था? इन मुद्दों पर जांच होनी चाहिए। कमलेश कारम ने इस मामले में अधीक्षक की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। कमलेश कारम ने परिजनों के हवाले से बताया कि छात्र पोर्टा केबिन में बीमार चल रहा था। अधीक्षक द्वारा सूचना दी जाने पर वे अपने बच्चे को घर ले गए‌ थे। अधीक्षक ने बीमार छात्र का इलाज भी नहीं कराया। कमलेश ने यह भी कहा कि आश्रमों, छात्रावासों में बच्चों की आकस्मिक मौतों पर प्रबंधन की निगरानी की जरूरत है। उसूर क्षेत्र में आदिवासी बच्चों के साथ अधीक्षकों की लापरवाही हो रही है।

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