दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति और पुनर्वास योजनाओं से प्रभावित होकर माओवादी लगातार हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। आज दंतेवाड़ा जिले में 15 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन माओवादियों ने लोन वर्राटू अभियान के तहत अपने हथियार डाले और समाज की मुख्यधारा में पुनः समाहित होने का फैसला किया है।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में 9 RPC मिलिशिया सदस्य शामिल हैं, जिनकी सक्रियता विभिन्न नक्सली समूहों में थी। इनमें से कुछ सदस्य सीएनएम और डीएकेएमएस जैसे संगठनों के भी सदस्य रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले इन माओवादियों को 25,000 रुपए की सहायता राशि और पुनर्वास की अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। अब तक कुल 927 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में विभिन्न नक्सली क्षेत्रों के सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने नक्सली बैनर और पोस्टर लगाने जैसी गतिविधियों में भाग लिया था। जिले के पुलिस अधिकारी, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों की टीमों की ओर से लगातार संवाद और प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे और भी माओवादी आत्मसमर्पण की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
आज समर्पण करने वालों में प्रमुख नाम निम्नलिखित हैं:
- सिक्का उर्फ भीमा मंडावी (पोटाली पंचायत जनताना सरकार अध्यक्ष)।
- आसमती ओयाम (सीएनएम सदस्य)।
- मंगल ओयाम (भूमकाल मिलिशिया सदस्य)।
- लक्ष्मण उर्फ कर्मा पुनेम (बेचापाल आरपीसी मिलिशिया सदस्य)।
- राजेश ओयाम (बेचापाल आरपीसी मिलिशिया सदस्य)।
- गजलू कुंजाम (बेचापाल आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य)।
- सनकू कड़ती (बेचापाल आरपीसी मिलिशिया सदस्य)।
- दुनारू ओयाम (बेचापाल आरपीसी मिलिशिया सदस्य)।
- रूपाराम वेंजाम (ग्राम निराम डीएकेएमएस सदस्य)।
- घासी लेकाम उर्फ पिंटू (ग्राम निराम डॉक्टर टीम सदस्य)।
- भीमा तेलाम (बेचापाल आरपीसी सीएनएम सदस्य)।
- मनकू माड़वी (बेचापाल डीएकेएमएस सदस्य)।
- बोटी पदाम (बेचापाल आरपीसी मिलिशिया सदस्य)।
- सन्नू ओढ़ी (बेचापाल आरपीसी मिलिशिया सदस्य)।
- मनकु ओयाम (मिलिशिया सदस्य)।
इन माओवादियों को आत्मसमर्पण कराने में पुलिस और सीआरपीएफ की विशेष टुकड़ियों का योगदान रहा है। इस अभियान से प्रभावित होकर अन्य माओवादी भी मुख्यधारा में लौटने का मन बना रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह अभियान नक्सलवाद के खात्मे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।