कैट ने सरकार से जीएसटी एमनेस्टी योजना की तिथि बढ़ाने की की अपील, व्यापारी वर्ग को राहत देने की मांग

रायपुर। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चेयरमैन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानंद जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरेंद्र सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, और कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने जानकारी दी कि आज कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वित्तमंत्री ओ.पी. चौधरी, केंद्रीय जीएसटी एवं उत्पाद शुल्क कमिश्नर मोहम्मद अबू शमॉ, और राज्य जीएसटी आयुक्त पुष्पेंद्र कुमार मीणा से सीजीएसटी अधिनियम की धारा 128ए (जीएसटी की एमनेस्टी योजना) के तहत कर भुगतान की तिथि 31 मार्च 2025 से बढ़ाकर 31 मई 2025 करने का अनुरोध किया है।

कैट के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने कहा कि कैट व्यापार और उद्योग की ओर से जीएसटी के तहत एमनेस्टी योजना शुरू करने के लिए सरकार का धन्यवाद करती है। हालांकि, व्यापार और उद्योग के सामने कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां आ रही हैं, जिनका समाधान करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि एमनेस्टी योजना के तहत कर भुगतान की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 है, लेकिन वित्तीय वर्ष की समाप्ति के कारण व्यापारियों के पास भुगतान के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं होती। इसके अलावा, सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को अपने भुगतान की समयसीमा को पूरा करने में भी दिक्कतें आ रही हैं।

इसलिए, कैट ने सरकार से यह अनुरोध किया है कि कर भुगतान की तिथि बढ़ाकर 31 मई 2025 की जाए, ताकि व्यापारियों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके, जिससे उन्हें वित्तीय राहत मिले और सरकार को भी अधिक राजस्व प्राप्त हो सके।

एमनेस्टी योजना के तहत कर भुगतान की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 है। मार्च वित्तीय वर्ष का समापन महीना है, और इच्छुक करदाता इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, लेकिन उनके पास 31 मार्च 2025 तक कर का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है।

दूसरा कारण यह है कि आयकर अधिनियम की धारा 43बी(एच) के अनुसार, सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को आपूर्ति की गई वस्तुओं या दी गई सेवाओं के लिए देय किसी भी राशि को उसी वर्ष कटौती के रूप में स्वीकार किया जा सकता है, यदि इसका भुगतान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास (MSMED) अधिनियम, 2006 द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाता है। इसलिए, करदाता का यह दायित्व है कि वह सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के खातों का निपटान करे।

वित्तीय वर्ष की समाप्ति के समय करदाताओं को होने वाली वित्तीय कठिनाई को ध्यान में रखते हुए, कैट का अनुरोध है कि एमनेस्टी योजना के तहत भुगतान की तिथि 31 मार्च 2025 से बढ़ाकर 31 मई 2025 कर दी जाए। यदि इस तिथि का विस्तार किया जाता है तो करदाताओं को योजना का लाभ उठाने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा, जिससे सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा और करदाताओं को वित्तीय राहत मिलेगी।

कैट ने प्रदेश के वित्तमंत्री ओ.पी. चौधरी, केंद्रीय जीएसटी एवं उत्पाद शुल्क कमिश्नर मोहम्मद अबू शमॉ जी, और आयुक्त, राज्य जीएसटी पुष्पेंद्र कुमार मीणा से निवेदन किया है कि व्यापारियों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए और व्यापारी हितों को संरक्षण देने के लिए एमनेस्टी योजना के तहत कर भुगतान की तिथि को कृपया 31 मार्च 2025 से बढ़ाकर 31 मई 2025 किया जाए। कैट हमेशा आपके सहयोग के लिए आभारी रहेगी।

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