0 पानी की समस्या का नहीं हो रहा है स्थायी समाधान
बकावंड। बस्तर जिले का सबसे शिक्षित ब्लॉक माने जाने वाले बकावंड में इन दिनों पानी की भारी समस्या पैदा हो गई है। राजनगर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले कांडकीगुड़ा पारा, कॉलोनी पारा, भोरागुड़ा पारा और आवासपारा में करीब 1500 की आबादी निवास करती है। पानी की किल्लत से सभी लोग त्रस्त हैं। गर्मी बढ़ने के साथ ही इलाके के अधिकांश बोरवेल, ट्यूबवेल और हैंडपंप सूख गए हैं। ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।
पोल्ट्री फॉर्म के सहारे कर्मचारी
जेडी कॉलोनी में भी जलसंकट के हालात हैं। कर्मचारी और उनके परिजन हलाकान हैं। जेडी कॉलोनी में करीब 200 लोग रहते हैं, जिनमें ज्यादातर सरकारी कर्मचारी हैं। यहां 3 एचपी का बोरवेल संचालित था, लेकिन गर्मी के चलते वह भी सूख गया है। कर्मचारियों को मजबूरन एक पोल्ट्री फार्म से पानी लाना पड़ रहा है। दफ्तर जाने वाले कर्मचारी पानी की व्यवस्था करते-करते लेट हो जाते हैं, जिससे उनके कामकाज पर असर पड़ रहा है।
कुएं का गंदा पानी पी रहे ग्रामीण
ग्राम पंचायत के अन्य इलाकों में स्थिति और भी खराब है। कई परिवार कुएं का गंदा और दूषित पानी पीने को मजबूर हैं, क्योंकि भीषण गर्मी में कुएं का जलस्तर भी नीचे चला गया है। ग्रामीणों ने बताया कि यह पानी पीने से बच्चों और बुजुर्गों में बीमारियां बढ़ने लगी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार सरपंच, सचिव और जनपद सीईओ के पास शिकायत लेकर गए, लेकिन हर बार अस्थायी समाधान देकर मामले को टाल दिया जाता है। कुछ दिन के लिए टैंकर से पानी उपलब्ध कराया जाता है, फिर स्थिति जस की तस हो जाती है। ग्रामीण गंगाराम बिसाई, भुवनेश्वर बघेल, कमलेश, संतोष, रामलाल और रेनू सहित अन्य लोगों ने स्थायी समाधान की मांग की है। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
जनप्रतिनिधि कर रहे अनदेखी
गांव के जनप्रतिनिधियों का जनपद मुख्यालय में रोजाना आना-जाना लगा रहता है, लेकिन जलसंकट को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही। ग्रामीणों का कहना है कि नेता और अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो स्थिति और भी विकराल हो सकती है। प्रशासन को चाहिए कि तुरंत जलसंकट का स्थायी हल निकाले, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।
वर्सन:
जल्द दूर होगी समस्या
जल संकट के बारे में पीएचई के अधिकारियों से चर्चा की है, उम्मीद है जल्द समाधान हो जाएगा।
-पारेश्वर कुर्रे,
सीईओ, जनपद पंचायत बकावंड