रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा संबंधी व्यय योजना को लेकर सरकार को घेर लिया। उन्होंने 2019 से 2023 तक के दौरान 557 करोड़ रुपये की केंद्र सहायता के बावजूद 998 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने पर सवाल उठाए। चंद्राकर ने पूछा, क्या योजना की राशि का गबन किया गया है, और सरकार ने यह पैसे कहां खर्च किए हैं?
इस पर डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब देते हुए सफाई दी कि राज्य सरकार पहले अपने बजट से खर्च करती है और बाद में इसे केंद्र से रिइम्बर्स (प्रतिपूर्ति) कराया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि खर्च की गई राशि बाद में केंद्र से प्राप्त होती है और यह सभी खर्च तय मानकों के अनुसार हुए हैं।
अजय चंद्राकर ने सरकार को और घेरते हुए कहा, योजना 13 बिंदुओं पर आधारित थी, लेकिन सरकार ने 25 बिंदुओं पर खर्च दिखाया है। क्या यह राशि किसी और उद्देश्य में लगा दी गई? इस पर विजय शर्मा ने बताया कि यह खर्च राज्य सरकार के अपने बजट से किया गया था।
इसके बाद चंद्राकर ने सुरक्षाबलों के बीमा योजना पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा, सरकार ने केंद्र से बीमा मद में पैसा लिया, लेकिन एक भी बीमा क्यों नहीं हुआ? यह पैसा कहां गया? विजय शर्मा ने इस पर जवाब दिया कि रिहैबिलिटेशन पॉलिसी के तहत केंद्र से पूरी राशि नहीं आती। राज्य सरकार अपनी ओर से जो कमी होती है, उसे पूरा करती है।
चंद्राकर ने सरकार पर तीखा तंज करते हुए कहा, नक्सल उन्मूलन के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हुए, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है? अगर बीमा नहीं हुआ, तो वह पैसा कहां गया? इस पूरे मामले पर विपक्ष ने सरकार की वित्तीय पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए और जांच की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सरकार से स्पष्ट विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, ताकि इस मामले की वास्तविकता सामने आ सके।