रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने एनजीओ के जरिए हो रहे धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण कराया जा रहा है, जिसे रोकना जरूरी है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि विदेशी फंडिंग की जांच और कार्यवाही का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में पहले 364 संस्थाएं विदेशी फंडिंग प्राप्त कर रही थीं, जिनमें से 84 की फंडिंग रोकी गई और 127 की वैधता समाप्त कर दी गई। वर्तमान में 153 संस्थाएं विदेशी फंडिंग ले रही हैं, जिन पर सरकार नजर रखे हुए है।
अजय चंद्राकर ने जशपुर जिले में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और आरोप लगाया कि मिशनरियों से जुड़ी शैक्षणिक संस्थाओं को करोड़ों रुपये का अनुदान दिया जा रहा है, लेकिन उनकी ऑडिट नहीं हो रही। इस पर गृहमंत्री ने कहा कि चंगाई सभाओं के जरिए धर्मांतरण की शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है। इस साल अब तक चार मामले सामने आए हैं और आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने बिलासपुर में ‘जोशवा प्रोजेक्ट’ के तहत धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया और कहा कि धर्मांतरण की वेबसाइटें खुलेआम काम कर रही हैं, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार इन संस्थाओं पर कड़ी निगरानी रख रही है और छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य विधेयक में नए प्रावधान जोड़े जाएंगे, जिससे धर्मांतरण को रोका जा सके।
केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम ने बस्तर के 70% गांवों में धर्मांतरण के होने की बात कही और आरोप लगाया कि इसमें विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इसे नहीं रोका गया, तो छत्तीसगढ़ अपनी आदिवासी पहचान खो सकता है। गृहमंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि बस्तर में 18 संस्थाएं विदेशी फंडिंग प्राप्त कर रही हैं और धर्मांतरण रोकने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
भाजपा विधायक राजेश मूणत ने रायपुर में 15 दिनों के भीतर दो धर्मांतरण के मामलों पर चिंता जताई और सवाल उठाया कि क्या अन्य धर्मों के आयोजनों के लिए भी अनुमति ली जाती है। गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि बिना अनुमति कोई धार्मिक आयोजन संभव नहीं है और जो भी बिना अनुमति आयोजन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विधानसभा में धर्मांतरण पर तीखी बहस हुई, जिसमें भाजपा विधायकों ने सरकार से सख्त कानून बनाने और प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की। गृहमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है और जल्द ही धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त प्रावधान लागू किए जाएंगे।