विधानसभा में धान-चावल को लेकर तकरार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार को घेरा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को धान और चावल के अतिरिक्त उठाव को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच जबरदस्त बहस हुई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खरीफ वर्ष 2024-25 में केंद्रीय पुल में धान उठाव और चावल जमा करने के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि प्रदेश में धान खरीदी और चावल जमा करने की स्थिति स्पष्ट की जाए।

खाद्य मंत्री का जवाब और विपक्ष के कटाक्ष
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार जल्द इस पर निर्णय लेगी। लेकिन भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने तंज कसते हुए कहा, “पिछली सरकार जो व्यवस्था करती थी, वही इस सरकार को भी करनी होगी।” इस कटाक्ष पर कांग्रेस विधायकों ने तीखे सवालों की झड़ी लगा दी, जिससे सदन का माहौल गरमा गया।

धान खरीदी के आंकड़ों पर गरमाई बहस
खाद्य मंत्री ने बताया कि इस साल 69.72 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अब तक सिर्फ 9 लाख मीट्रिक टन चावल ही जमा हो पाया है। इस पर कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने अपने संजारी बालोद क्षेत्र में धान खरीदी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “मेरे क्षेत्र में 2 करोड़ 22 लाख 500.48 टन धान खरीदी गई है, लेकिन असली सवाल यह है कि लक्ष्य क्या था?

मंत्री बघेल ने जवाब में कहा कि धान खरीदी का कोई तय लक्ष्य नहीं होता, यह अनुमानित प्रक्रिया होती है। लेकिन इस जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सरकार को घेरना जारी रखा। संगीता सिन्हा ने रकबा से कम धान खरीदी को लेकर सवाल किया, जिस पर मंत्री बघेल ने दो टूक जवाब दिया, “जितना किसानों से धान आया, उतना ही खरीदा गया।

सदन में गरमागरम बहस, कांग्रेस ने साधा निशाना
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने खरीदी में गड़बड़ी और किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने अपनी नीतियों को सही ठहराते हुए विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। विधानसभा में धान खरीदी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली, जिससे सदन का माहौल खासा गरम हो गया।

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