सवालों के घेरे में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी

0 पूर्णकलिक अधीक्षक की नियुक्ति के बाद भी प्रभारी को नहीं हटा रहे 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग जगदलपुर बस्तर द्वारा विभागीय मंत्रालय के आदेश की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अपने चहेते प्रभारी अधीक्षक को मुक्त करने में वे आनाकानी कर रहे हैं। प्रभारी अधीक्षक शिंदे में आखिर ऐसा कौन सा चुंबक है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी उनके आकर्षण से मुक्त नहीं हो पा रहे हैं?
मंत्रालय महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर द्वारा 20 नवंबर को जारी आदेश में शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह बालक जगदलपुर में पूर्णकालिक अधीक्षक की नियुक्ति कर दी गई है। नव नियुक्त अधीक्षक द्वारा 27 दिसंबर 2024 को उपस्थिति दी गई, मगर आठ साल से प्रभारी अधीक्षक के रूप में कार्यरत सहायक ग्रेड-1 प्रकाश शिंदे को जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा मुक्त नहीं किया जा रहा है। श्री शिंदे को 8 वर्षो से 3 संस्थाओ के प्रभारी अधीक्षक के रूप में पदस्थ रखा गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी जगदलपुर एवं बाल संप्रेक्षण गृह बालक जगदलपुर के पूर्व प्रभारी, स्टोर कीपर सह लेखापाल अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने हेतु 8 वर्षो के लंबे अंतराल के बावजूद अपने प्रिय अधीक्षक को अन्य 2 संस्थाओं का प्रभारी अधीक्षक को काम देकर अपने निजी स्वार्थ साधते हुए शासन को ठेंगा दिखा रहे हैं।
पूर्व प्रभारी अधीक्षक प्रकाश शिंदे को उनके मूल पद पर स्थल परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय बकावंड-02 में वापस स्थानांतरित न किया जाना संदेह के दायरे में आ गया है। आखिरजिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा शिंदे पर इतनी मेहरबानी क्यों की जा रही है। इनके इस कृत्य से विभाग एवं शासन की छवि धूमिल हो रही है। चर्चा है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी जगदलपुर द्वारा शिंदे के माध्यम से अनुचित लाभ ले रहे हैं। यही वजह है कि शिंदे को तीन संस्थाओ को 8 साल से प्रभारी बनाकर रखा गया है। वे शिंदे को शासकीय सुरक्षित स्थान बालक एवं शासकीय विशेष गृह बालक जगदलपुर के प्रभारी अधीक्षक के रूप में पदस्थ रखना चाहते हैं। इससे साफ होता है इनके द्वारा अपने स्वार्थ के लिए शासन के निर्देशो की अवेहलना करते हुए तीनों संस्थाओ के प्रभार के लिए शिंदे योग्यता नही रखते।

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