रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन अमलीडीह की शासकीय भूमि के आबंटन का मुद्दा सदन में जोरशोर से उठा। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने सरकार से पूछा कि भूमि आबंटन को निरस्त करने का कारण क्या था? इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल में नियमों में बदलाव के कारण आबंटन रद्द किया गया था।
56 करोड़ की जमीन, सिर्फ 9 करोड़ की राशि?
विधायक धरमलाल कौशिक ने यह भी सवाल उठाया कि जब भूमि का आबंटन रामा बिल्डकॉन को किया गया था, तब उसका बाजार मूल्य 56 करोड़ रुपये था, लेकिन इसके बदले सिर्फ 9 करोड़ रुपये ही क्यों जमा किए गए? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इस मामले में किसी अधिकारी पर कार्रवाई होगी?
सरकार का जवाब
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने स्पष्ट किया कि निर्धारित राशि का भुगतान नहीं होने के कारण शासन ने यह आबंटन रद्द कर दिया। उन्होंने बताया कि कलेक्टर द्वारा डिमांड लेटर जारी नहीं किया गया, इसलिए भूमि अब भी शासन के नाम ही दर्ज है।
रिकॉर्ड में भूमि किसके नाम?
भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने दावा किया कि उनकी शिकायत पर ही रामा बिल्डकॉन को आवंटित भूमि को निरस्त किया गया था, लेकिन रिकॉर्ड में अभी भी भूमि कंपनी के नाम दर्ज दिखाई दे रही है। इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने पुनः स्पष्ट किया कि भूमि का आबंटन रद्द किया जा चुका है, और नियमों के अनुसार आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।