चुनाव हारने की ऎसी खीझ कि भाजपा समर्थित सरपंच ने बंद कर दी गांव में पेयजल आपूर्ति

0  कांग्रेस समर्थित नए सरपंच ने शुरू कराई टैंकर से जल आपूर्ति 

(अर्जुन झा) बकावंड। एक पुराना सरपंच चुनाव क्या हार गया कि उसने खीझ के चलते गांव में जल आपूर्ति बंद कर दी। ग्रामीण पानी के लिए दर दर भटकने मजबूर हो गए। गनीमत रही कि नए सरपंच ने टैंकर से पानी की व्यवस्था करवा दी।
मामला बस्तर विधानसभा क्षेत्र के बकांवड ब्लॉक की ग्राम पंचायत छोटे जीराखाल का है। यहां पंचायत चुनाव में भाजपा समर्थित सरपंच लखेश्वर कश्यप को करारी हार का सामना करना पड़ा। वहीं कांग्रेस समर्थित सरपंच प्रत्याशी डोमूधर बघेल की ऐतिहासिक जीत ने गांव के लोगों को आशा और विश्वास का एक नया संदेश दिया है।चुनाव के बाद भाजपा समर्थित सरपंच लखेश्वर कश्यप ने प्रतिशोध की भावना से 24 फरवरी से ग्राम पंचायत छोटे जीराखाल में पानी की आपूर्ति बंद कर दी है। इस कदम से गांव में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई। ग्रामीणों को इस संकट का सामना करना पड़ा, लेकिन उनका हौसला डिगा नहीं। कांग्रेस समर्थित नवनिर्वाचित सरपंच डोमूधर बघेल ने इस संकट से निपटने के लिए त्वरित कदम उठाए और पूरे गांव में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की। डोमूधर बघेल ने प्रत्येक पारा और मोहल्ले में चार पानी टेंकर भेजकर ग्रामीणों को राहत पहुंचाई। उन्होंने कहा कि आपने मुझे सेवा करने का मौका दिया है। मैं निस्वार्थ भाव से आपका सेवा करूंगा और गांव की हर समस्या का समाधान करूंगा। ग्रामीणों का कहना है कि भाजपा समर्थित पूर्व सरपंच की हार के बाद पानी बंद कर देना उनकी अमानवीय बर्ताव का प्रतीक था, लेकिन अब कांग्रेस समर्थित नवनिर्वाचित सरपंच डोमूधर बघेल ने अपनी सेवाओं से साबित कर दिया है कि उनका ध्यान सिर्फ गांव के विकास और जनता की भलाई पर है। गांववासियों ने यह भी कहा कि उन्हें गर्व है कि उन्होंने गलत व्यक्ति को कुर्सी से हटाकर एक ईमानदार और शिक्षित व्यक्ति को चुना है, जो न केवल उनकी समस्याओं को समझता है, बल्कि समाधान भी करता है। गांव के एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा- हमने देखा कि भाजपा समर्थित सरपंच की नाकामियों के कारण हमारे गांव में विकास के काम रुक गए थे। अब, हमें पूरा भरोसा है कि डोमूधर बघेल हमारे गांव के विकास के लिए पूरी तरह से समर्पित रहेंगे और सभी समस्याओं का समाधान करेंगे।

नए सरपंच ने जीता दिल

नवनिर्वाचित सरपंच डोमूधर बघेल के प्रति ग्रामीणों का समर्थन और विश्वास दिन- प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उनके नेतृत्व में गांव में कई विकास कार्यों की उम्मीद जगी है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वे अब पूरी तरह से सुनिश्चित हैं कि आने वाले दिनों में छोटे जीराखाल में बदलाव आएगा और गांव में विकास की नई राहें खुलेंगी।इस चुनाव परिणाम ने यह भी सिद्ध कर दिया है कि जनता ने हमेशा सेवा और समर्पण को प्राथमिकता दी है। कांग्रेस समर्थित डोमूधर बघेल की जीत न केवल एक राजनीतिक परिवर्तन है, बल्कि यह एक संकेत भी है कि ईमानदारी और निस्वार्थ सेवा की अहमियत को लोग पहचानते हैं।

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