रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन बिलासपुर जिले के ग्राम लोफांदी में हुई संदिग्ध मौतों का मुद्दा जोर-शोर से उठा। विपक्ष ने इसे अवैध शराब और मादक पदार्थों के बढ़ते सेवन से जोड़ते हुए सरकार को घेरा। विपक्ष का आरोप था कि सस्ती और आसानी से उपलब्ध अवैध शराब के कारण ग्रामीण और कमजोर वर्ग इसकी चपेट में आ रहे हैं, जिससे उनकी जान जा रही है।
गृह मंत्री ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए बताया कि उक्त अवधि में छह लोगों की मृत्यु हुई है, जिनमें दो की मौत हार्ट अटैक से, तीन की अत्यधिक शराब सेवन से और एक की सांस लेने में तकलीफ के कारण हुई। एक अन्य मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट लंबित है। मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। सरकार ने यह भी बताया कि अब तक 1,24,063 लीटर अवैध शराब जब्त की जा चुकी है और अन्य राज्यों से बिलासपुर में आने वाली शराब पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
विपक्ष ने लगाए प्रशासन पर आरोप
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस मुद्दे पर सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में गरीब और युवा वर्ग शराब के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है, जिससे ऐसी घटनाएं हो रही हैं। महंत ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की।
सरकार का पलटवार
विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कुछ भी छिपाने के मूड में नहीं है और जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि यदि इस मुद्दे पर पहले ध्यान दिया जाता, तो हालात इतने भयावह न होते। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
हालांकि, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत सरकार की सफाई से संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि जब सरकार को इस मुद्दे पर चार पृष्ठ का जवाब देना पड़ रहा है, तो निश्चित रूप से कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है। उन्होंने सरकार से इस गंभीर समस्या पर तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की। विपक्ष ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई, तो वे इस मुद्दे को और आक्रामक तरीके से उठाएंगे।