0 विहिप नेता रवि ब्रम्हाचारी ने उठाई जांच की मांग
जगदलपुर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप केभारत में विदेशी फंडिंग वाले बयान की आंच बस्तर तक भी पहुंच गई है। कहा जा रहा है कि बस्तर में एक खास मकसद से काम कर रहे एनजीओ को भी विदेश से फंडिंग हो रही है। विश्व हिंदू परिषद के नेता रवि ब्रम्हाचारी ने इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया है कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए करोड़ों अमरीकी डॉलर चंदे के रूप में देना तय किया था। ट्रंप ने कहा था कि हमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए करोड़ों डॉलर खर्च करने की जरूरत क्यों है? ऐसा लगता है कि वह किसी और को निर्वाचित करने की कोशिश कर रहे थे।
ट्रंप के इस बयान को भारत सरकार काफी गंभीरता से ले रही है। चूंकि यह आंतरिक सुरक्षा से संबंधित गंभीर मामला है, अतः यह जांच का विषय है। ट्रंप का इशारा साफ है कि बाइडेन भारत के विदेश नीति को प्रभावित कर एक कठपुतली सरकार को समर्थन देना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने फंडिंग का रास्ता चुना था। ज्ञात हो कि भारत में विदेशी फंडिंग जनजातीय क्षेत्रों में काम कर रहे एनजीओ को ही अधिक मिलता है। स्वस्थ, शिक्षा, सामाजिक कार्यों नाम पर करोड़ों अमरीकी डॉलर खर्च किए जाते हैं। रवि ब्राम्हचारी ने कहा है कि विश्व हिंदू परिषद का शुरू से कहना है कि इन जनजातीय क्षेत्रों में काम कर रहे एनजीओ को मिलने वाले फंड की जांच होनी चाहिए। क्योंकि कहीं न कहीं इस विदेशी धन का उपयोग धर्मांतरण जैसे कार्यों पर होता है। आंकड़ों को देखा जाए तो वे इसी ओर इशारा करते हैं। जिस गति से छत्तीसगढ़ के गांव गांव में चर्चों का निर्माण हो रहा है उससे तो ऐसा ही लगता है, सरकारी आंकड़ों में कुछ और व यथार्थ रूप में कुछ और हो रहा है। इन सभी का उद्देश्य धर्मांतरण को बढ़ावा देना ही दिखता है। रवि ब्राम्हचारी ने कहा- विश्व हिंदू परिषद शुरू से ही कहती आ रही है कि विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए हो रहा है, आज विदेशी फंडिंग करने वाले अमेरिकी प्रमुख ही इस बात को स्वीकार कर रहे हैं। समय समय पर विश्व हिंदू परिषद इस के लिए आंदोलन भी करती रही है। बस्तर में विदेशी फंडिंग से हो ने वाले बड़ी बड़ी सभाओं के आयोजन को निरस्त करने में भी सफलता पाई है। इस विषय पर अपनी बात रखते हुए विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री रवि ब्रम्हचारी ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद विदेशी फंडिंग का पुरजोर विरोध करती रही है। शिक्षा, स्वस्थ व अन्य सामाजिक कार्यों के बहाने करोड़ों अमरीकी डॉलर एनजीओ के माध्यम से बस्तर में धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए भेजे जाते रहे हैं, जो अब बंद हो ना चाहिए। सरकार जांच कर ऐसी संस्थाओं को बंद करने के लिए उचित करवाई करे जो भारत के आंतरिक मामलों व सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं। रवि ब्राम्हचारी ने कहा है कि सरकार को सर्वे करा कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इस विषय को लेकर छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार गंभीर नजर आ रही है इसके लिए जल्द ही जांच के आदेश दिए जा सकते हैं।