मनीराम कश्यप की हुई हार

बकावंड। भारतीय जनता पार्टी का दांव बकावंड जनपद में अक्सर उल्टा पड़ जाता है। पार्टी ऐसे व्यक्ति को चुनावी समर में उतार देती है, जो जीतने का जरा भी माद्दा नहीं रखता। ऐसे ही भाजपा नेता हैं मनीराम कश्यप, जो पहले विधानसभा का चुनाव हारे थे और अब जनपद सदस्य का चुनाव हार गए हैं।
मनीराम कश्यप बकावंड विकासखंड में जाने पहचाने चेहरे हैं। वे सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहे हैं। इसी वजह से बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें बस्तर सीट से उम्मीदवार बनाया था, मगर वे कांग्रेस के लखेश्वर बघेल से यह चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी ने उन्हें त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 19 मैदान पर उतार दिया। इस चुनाव में भी मनीराम कश्यप को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसका मतलब है कि क्षेत्र में भाजपा का जनाधार खिसक चुका है। इसके पीछे बहुत सारे कारक हैं। एक बड़ा कारक तो मौजदा जनपद अध्यक्ष धनुर्जय कश्यप की कार्यशैली भी है। आरोप है कि धनुर्जय कश्यप ने केंद्र सरकार से मिलने वाली 15वें वित्त की राशि में बड़ा गोलमाल किया है। यह मामला उजागर होने के बाद भाजपा की साख पर बट्टा लग गया है। क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि मनीराम कश्यप की हार भी इसी वजह से हुई है।

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