0 बल के जवानों ने दिखाई समार्पण की भावना
जगदलपुर। सीआरपीएफ द्वितीय वाहिनी के स्थापना दिवस के उपलक्ष में बल के जवानों द्वारा सुकमा जिले में सप्ताह भर तक विविध कार्यक्रमों के साथ जनसेवा के कार्य किए गए।
13 फरवरी को द्वितीय वाहिनी के 78वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन बड़े ही हर्षाेल्लास एवं उत्साह के साथ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डीआईजी सीआरपीएफ सुकमा रेंज आनंद सिंह राजपुरोहित एवं अरुणा राजपुरोहित गेस्ट ऑफ ऑनर और पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण, 227 वाहिनी के कमांडेंट मनीष कुमार भारती 131 वाहिनी के कमांडेंट दीपक कुमार साहू, 223 वाहिनी के कमांडेंट नवीन कुमार, 226 वाहिनी के कमांडेंट, धनसिंह बिष्ट बतौर विशेष अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत 7 फरवरी को एफ-2 समवाय रामाराम में रक्तदान शिविर से हुई। 8 फरवरी को छत्तीसगढ़ सेक्टर के महानिरीक्षक राकेश अग्रवाल, डीआईजी सुकमा रेंज आनंद सिंह राजपुरोहित तथा एनके सिंह पुलिस उप महानिरीक्षक छत्तीसगढ़ सेक्टर की उपस्थिति में कमांडेंट रतिकांत बेहेरा के नेतृत्व में सिविक एक्शन कार्यक्रम हुआ। यह कार्यक्रम घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा जिले के दुलेर में आयोजित किया गया। जिसमें 500 से अधिक आदिवासियों की निशुल्क चिकित्सा की गई। 9 फरवरी 5 को मूर्क राजकोंडा कैंप में सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों को घरेलू उपयोग की सामग्री, स्कूली बच्चों को कॉपी-किताबें एवं पेंसिल, तथा युवाओं को खेलकूद का सामान वितरित कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने एवं जागरूक करने का प्रयास किया गया। ग्रामीणों ने इस कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लिया। 12 फरवरी को द्वितीय वाहिनी मुख्यालय सबरी नगर सुकमा में भव्य मेले का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य आकर्षण मलखम था। मेले में विभिन्न प्रकार के अलग- अलग क्षेत्रीय मशहूर व्यजंनो के स्टाॅल लगाए गएथे। 13 फरवरी को द्वितीय वाहिनी मंदिर प्रांगण में पूजा-अर्चना से हुआ, जिसमें सभी वरिष्ठ अधिकारियों अधीनस्थ अधिकारियों तथा जवानों ने भाग लिया। इसके उपरांत, क्वार्टर गार्ड में कमांडेंट रतिकांत बेहेरा ने सलामी ली और सैनिक सम्मेलन को संबोधित किया। जवानों को वाहिनी के प्रति सदैव निष्ठा एवं कर्मठ रहने की सलाह दी व जवानों को उनके कर्तव्यों एवं भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया। शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसकी शुरुआत डीआईजी आनंद सिंह राजपुरोहित द्वारा दीप प्रज्वलन एवं भगवान श्रीकृष्ण की वंदना से हुई। इसके बाद वाहिनी के जवानों ने नाटक के माध्यम से द्वितीय वाहिनी के गौरवशाली 78 वर्षों के इतिहास को प्रस्तुत किया। इस नाटक में सरदार पोस्ट पर प्रदर्शित वीरता से लेकर सुकमा के दुलेर व मूर्कराजकोंडा जैसे घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में एफओबी (फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस) स्थापित करने तक की यात्रा को दर्शाया गया। यह प्रस्तुति वाहिनी के कुशल नेतृत्व क्षमता, एकता, अनुशासन एवं समर्पण का प्रतीक बनी। अंत में श्री राजपुरोहित ने वाहिनीं के सभी कार्मिको एवं प्रतिभागियों को 78वें स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाॅए दी। कमांडेंट रतिकांत बेहेरा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में आए अधिकारियों, अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।