डॉ. श्रेयांश वर्धन जैन को नोडल अधिकारी पद से मुक्त करने की मांग


जगदलपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने डॉ. श्रेयांश वर्धन जैन चिकित्सा अधिकारी संविदा नेशनल हेल्थ मिशन को पीसीपीडीटी एक्ट एवं नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी के कार्य से हटाने की मांग की है।
संघ के उप प्रांताध्यक्ष अजय प्रताप सिंह परिहार ने कहा है कि मिशन संचालक, एनएचएम छग रायपुर द्वारा जिला चिकित्सालय जगदलपुर में नेशनल ट्यूबर क्लोसिस इराडिकेशन प्रोग्राम के तहत एक वर्ष यानि 31 मार्च 2025 तक के लिए डॉ. जैन को संविदा नियुक्ति दी गई है, ताकि बस्तर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी रोगियों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण किया जा सके। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जगदलपुर द्वारा इनको मूल कार्य से हटाकर नर्सिंग होम एक्ट का नोडल अधिकारी बनाया गया है। बस्तर में पहली बार किसी संविदा चिकित्सक को नर्सिंग होम एक्ट का नोडल अधिकारी बनाया गया है। जिसकी शिकायत कलेक्टर बस्तर, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं बस्तर को की गई है। कार्रवाई लंबित है।कार्य की महत्ता को देखते हुए संविदा पर नियुक्त चिकित्सक को प्रथम नियुक्ति स्थल पर पदस्थापना उपरांत किसी अन्य स्थल पर कार्यादेश मात्र में कोई नवीन कार्य नहीं लिया जा सकता। जिसका पालन नहीं किया गया है एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जगदलपुर द्वारा उन्हें पीसीपीडीटी एक्ट एवं नर्सिंग होम एक्ट का नोडल अधिकारी बनाया गया है। जिससे उनके मूल कार्य पर प्रभाव पड़ रहा है। उनकी नियुक्ति का नियमित चिकित्सकों द्वारा विरोध भी किया गया था। परिहार ने कहा है कि डॉ. श्रेयांश जैन की नियुक्ति संविदा है और संविदा नियुक्ति के समय संबंधित से शपथ पत्र लिया जाता है कि न तो वह किसी प्राईवेट अस्पताल और न ही किसी प्राईवेट क्लीनिक में प्राईवेट प्रेक्टिस करेंगे। लेकिन डॉ. श्रेयांश जैन स्वंय का क्लीनिक संचालन कर रहें हैं। छत्तीसगढ़ शासन एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अनुभागी आदेशानुसार संघ के पत्रों का उत्तर देना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि संबंधित चिकित्सा अधिकारी द्वारा जगदलपुर शहर में 2 निजी क्लीनिक 1 मेडिकल स्टोर जो उनके स्वयं के नाम से संचालित है। फिर भी ऐसे चिकित्सक को नर्सिंग होम एक्ट का नोडल अधिकारी बनाया गया है।स्वास्थ्य कर्मचारी संघ विषय की गंभीरता को देखते हुए जनहित में डॉ. श्रेयांश वर्धन जैन को नोडल अधिकारी के पद से विमुक्त करते हुए मिशन संचालक द्वारा आदेशित कार्यों को उनसे संपादित कराने की मांग मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जगदलपुर से की गई है। कार्रवाई न होने पर संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

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