रायपुर। राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की 5वीं महत्वपूर्ण बैठक नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में आयोजित की गई, जिसमें 9 विभिन्न मंत्रालयों के जॉइंट सेक्रेटरी और 20 राज्यों के बोर्ड सदस्यों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के चेयरमैन सुनील सिंघी ने की, और इसमें बजट 2025 के तहत व्यापारियों को मिलने वाले लाभों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बोर्ड के सदस्य अमर पारवानी ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के संकल्प को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। उन्होंने बजट 2025-26 को समावेशी और लाभकारी बताते हुए, एमएसएमई व्यापारियों का समर्थन करने और व्यापार को सरल बनाने पर जोर दिया। इस दौरान, व्यापारियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन तक पहुंच को बढ़ाने के लिए नौ मंत्रालयों के अधिकारियों से सुझाव एकत्र किए गए।
श्री पारवानी ने छत्तीसगढ़ के व्यापारियों के लिए कई महत्वपूर्ण मांगें भी रखी। इनमें ट्रेड लाइसेंस, लेबर लॉ, जीएसटी रिफंड प्रक्रिया को त्वरित बनाने, और व्यापारियों के लिए सरकारी सुविधाओं का शीघ्र क्रियान्वयन शामिल था। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एमएमएई के तहत उद्योगपतियों को मिलने वाले लाभों को सभी व्यापारियों तक पहुंचाना चाहिए, जिससे व्यापार और अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके।
बैठक में श्री पारवानी ने 43 बीएच के मुद्दे पर भी चर्चा की, जिसमें व्यापारियों के भुगतान में देरी के कारण होने वाली समस्याओं का समाधान करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि जीएसटी में 6 महीने का उधार होना चाहिए, और जब तक व्यापारी शिकायत नहीं करता, तब तक जीएसटी विभाग की दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, सायकल पार्ट्स पर जीएसटी को 5 प्रतिशत करने का भी सुझाव दिया गया।
श्री पारवानी ने बताया कि जल्द ही हर राज्य में व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिससे व्यापारियों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे मिल सकेगा और देश की आर्थिक प्रगति को और गति मिलेगी।