रायपुर। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने ग्रीवेंसेस रिड्रेसल कमिटी को नवीन जीएसटी पंजीकरण में आ रही कठिनाइयों के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा है। चेंबर ने विभिन्न बिंदुओं पर सुझाव दिए हैं, ताकि पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार किया जा सके और व्यापारियों को आने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सके।
चेंबर ने अपनी रिपोर्ट में जीएसटी पंजीकरण की प्रक्रिया में निम्नलिखित समस्याओं की पहचान की है:
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केंद्रीकृत प्रसंस्करण प्रक्रिया: केंद्रीय जीएसटी क्षेत्राधिकार के तहत पंजीकरण आवेदन केंद्रीय प्रसंस्करण सेल को भेजे जाते हैं, जिसके कारण आवेदक को संवाद में कठिनाइयाँ आती हैं। चेंबर ने इसे स्थानीय क्षेत्राधिकार अधिकारियों को भेजने की अनुशंसा की है, ताकि पंजीकरण प्रक्रिया तेज और प्रभावी हो सके।
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अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का मुद्दा: कई व्यवसायों में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता को छत्तीसगढ़ राज्य का निवासी होने की आवश्यकता बताई जाती है, जो कि कानून में नहीं है। चेंबर ने इस नियम को स्पष्ट करने की मांग की है ताकि सभी व्यापारियों को समान रूप से पंजीकरण मिल सके।
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किराए के परिसर से संबंधित समस्याएँ: व्यवसायों के किराए के स्थान पर अक्सर बिजली बिल नहीं होता, क्योंकि मीटर मकान मालिक के नाम पर होता है। चेंबर ने किराया समझौता और संपत्ति कर रसीद को पर्याप्त प्रमाण मानने की अपील की है।
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समय-सीमा का पालन और स्वतः अनुमोदन: पंजीकरण आवेदन की प्रक्रिया में समयसीमा का पालन नहीं हो रहा है और आवेदन लंबे समय तक बिना कार्रवाई के पेंडिंग रहते हैं। चेंबर ने स्वचालित अनुमोदन प्रणाली को सख्ती से लागू करने का सुझाव दिया है।
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कार्य अनुबंध के बिना पंजीकरण: कई मामलों में पंजीकरण के लिए कार्य अनुबंध की आवश्यकता होती है, जो कि अनुपालन में देरी का कारण बनता है। चेंबर ने अनुबंध की प्रतीक्षारत स्थिति में अनंतिम पत्र स्वीकार करने की बात की है।
चेंबर ने ग्रीवेंसेस रिड्रेसल कमिटी से इन समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग की है, ताकि व्यवसायों को सुगम और सरल पंजीकरण प्रक्रिया का लाभ मिल सके।