0 अंबाली बघेल और तिलोत्तमा मौर्य सरपंच बनीं, सभी पंच भी निर्विरोध
(अर्जुन झा)बकावंड। पंचायत राज चुनाव में बकावंड विकासखंड की ग्राम पंचायत कोहकापाल और बारदा ने नया इतिहास रच दिया है। दोनों पंचायतों में सरपंच और सभी पंच निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। कोहकापाल में अंबाली बघेल और बारदा में तिलोत्तमा मौर्य निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुई हैं। बकावंड विकासखंड बस्तर जिले का सबसे शिक्षित विकासखंड है। इस जनपद ग्राम पंचायतों में भी गजब की जागरूकता है। यही वजह है कि स्थानीय चुनावों को आपसी वैमनस्यता से परे रखकर निर्विरोध निर्वाचन को अहमियत दी जाती है। बकावंड जनपद की 16 वार्डों वाली ग्राम पंचायत कोहकापाल शिक्षित और जागरूक पंचायत के रूप में जानी जाती है। यहां के लोगों की एकजुटता भी बेमिसाल है। कोहकापाल के सभी ग्रामीणों का एक ही उद्देश्य रहता है मिलजुल कर पंचायत के सभी वार्डों का विकास करना और गांव को जन सुविधाओं से समृद्ध करना। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी ग्रामीणों ने इस बार के पंचायत चुनाव में सरपंच और पंचों का चयन आपसी सहमति से करने का फैसला किया। इसके तहत सरपंच पद के लिए अंबाली बघेल का नाम सर्वसम्मति से प्रस्तावित कर उन्हें सरपंच चुन लिया। इसी तरह पंच पद पर लखीराम, मुनिया, सुकरू, कमलोचन, रुक्मणि, आसमन, इंदुमती, जगन्नाथ, लीला, नीलेंद्री, सुकरू, नीलेंद्री, रामबती, गौरीमती, धनमती और छबिनाथ का निर्विरोध निर्वाचन किया गया है।
बारदा ने पेश की मिसाल ग्राम पंचायत बारदा में भी सभी वार्ड पंच और सरपंच निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।यहां तिलोत्तमा मौर्य सरपंच चुनी गईं हैं। पंच पदों के लिए युगवती राठौर, रत्ना कश्यप, रयमती कश्यप, प्रिया चौहान, सुलोचना बघेल, दुलमा, जगदीश नायक, रेखा कुमार नायक, भुवनेश्वर भारती, मकरंद बघेल निर्वाचित हुए हैं। पंचायत चुनाव के लिए 3 फरवरी को नामांकन का अंतिम दिन था। नामांकन के अंतिम दिवस तक किसीने भी बारदा में सरपंच के विरोध में आवेदन नहीं किया। इसलिए आज सभी वार्ड पंच एवं सरपंच निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। इसमें गांव के समस्त गणमान्य नागरिकों का विशेष योगदान रहा है। निर्वाचन आयोग द्वारा घोषणा के पश्चात सभी ग्राम वासियों ने मिलकर एक बैठक का आयोजन किया। जिसमें महिला पुरुष तीनों पारा के क्रमशः मुख्य पारा बारदा डेंग, बारदा पारा और अटारगुड़ा पारा के लोगों ने भाग लिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि ग्राम बारदा में इस बार निर्विरोध वार्ड पंच एवं सरपंच निर्वाचित होना चाहिए। इसके लिए लगातार मिटिंग चलती रही। सरपंच पद के लिए पूर्व सरपंच कमल मौर्य की भाभी तिलोत्तमा मौर्य के नाम पर सहमति दे दी। पूर्व में कमल मौर्य का सरपंची कार्यकाल बेहतर रहा है। किसी को भी उनके कार्यकाल का कोई विरोध नहीं था। इसलिए ग्रामीणों ने फैसला किया कि पूर्व सरपंच कमल मौर्य के घर से ही किसी सदस्य को सरपंच बनाया जाए। कमल मौर्य बहुत ही मिलनसार एवं स्वच्छ व्यक्तित्व के धनी हैं। उनके विचार, गांव के प्रति सोच एवं त्याग भावना से गांव वाले प्रभावित हैं। आज भी सभी को लेकर चलने की उसमें क्षमता है। इसलिए गांव के किसी भी व्यक्ति ने उनका विरोध नहीं किया। कमल मौर्य के कार्यकाल में बारदा ग्राम पंचायत में अनवरत विकास कार्य हुए हैं। रोड, नाली, पुल पुलिया एवं बिजली के कार्य तेज गति से हुए हैं। जनता तक कमल मौर्य की पहुंच बेहतर रही है। इसलिए जनता उन्हें दोबारा आशीर्वाद देना चाहती थी। परंतु महिला सीट आने के कारण उन्हीं के परिवार से एक महिला को ग्रामीणों ने सरपंच चुन लिया। कमल मौर्य अपना पूरा समय गांव को देते आ रहे हैं। गांव के प्रति उनका समर्पण जगजाहिर है। जनता जनार्दन उनके साथ हैं। ऐसा ही कार्यकाल उनकी भाभी का भी हो इसके लिए एक मार्गदर्शक मंडल बारदा में बनाया गया है। उसमें ग्राम के सभी जाति वर्ग के लोग सम्मिलित हैं। उन्हीं के मार्गदर्शन से आज भी कमल मौर्य चलते हैं और ग्रामीणों को भरोसा है कि आगामी सरपंच तिलोत्तमा मौर्य भी उसी राह पर चलेंगी।