बजट 2025: कृषि, खाद्य तेल आत्मनिर्भरता और डिजिटल सुधारों पर जोर

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को देश का बजट पेश किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती और विकास की दिशा पर जोर दिया गया। इस बजट में खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए छह वर्षीय मिशन की घोषणा की गई, जिसका उद्देश्य देश में खाद्य तेल के उत्पादन को बढ़ाना और आयात पर निर्भरता को कम करना है।

किसानों के लिए बजट में कई अहम घोषणाएँ की गईं। किसान क्रेडिट की सीमा अब पांच लाख रुपये तक बढ़ाई जाएगी और सस्ते ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पांच साल की अवधि के लिए पैकेज की घोषणा की गई। 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाले नए यूरिया प्लांट की स्थापना होगी। इसके अलावा, कृषि योजनाओं के माध्यम से 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं लागू की जाएंगी और बिहार के किसानों के लिए विशेष योजनाएँ बनाई जाएँगी। मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नया मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा।

कृषि क्षेत्र में पीएम धन-धान्य योजना को 10 जिलों में लागू किया जाएगा, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां कम उत्पादन हो रहा है। फलों और सब्जियों के उत्पादन और विपणन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रमों की घोषणा की गई है।

बजट 2025 में विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों जैसे टैक्स, पावर, अर्बन डेवलपमेंट, माइनिंग, फाइनेंशियल सेक्टर और रेगुलेटरी पॉलिसी में सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह बजट पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस होगा, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होगी।

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