० उपयंत्री जीएस कोडोपी नहीं मिली अग्रिम जमानत
० दंतेवाड़ा कोर्ट ने खारिज की उपयंत्री की याचिका
जगदलपुर। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में गंगालूर से मिरतुर तक 32 किमी लंबी सड़क निर्माण में हुई भ्रष्टाचार को लेकर कार्यपालन अभियंता बीजापुर एम. प्रसाद ने गंगालूर थाने में एफआईआर कराई है। विभाग के उपयंत्री जीएस कोडोपी ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया था। इस अग्रिम जमानत आवेदन को दंतेवाड़ा के सेशन कोर्ट के न्यायाधीश ने खारिज कर दिया।
विदित हो कि इस सड़क का कार्य पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में फंसे ठेकेदार सुरेश चंदकार द्वारा किया जा रहा था। सड़क के घटिया निर्माण मामले में विभागीय अधिकारियों की मिली भगत सिद्ध पाए जाने के कारण एफआईआर व निलंबन की कार्रवाई की गई। पूर्व व रिटायर्ड कार्यपालन अभियंता (ईई) बीआर ध्रुव, एसडीओ आरके सिन्हा एवं इंजीनियर जीएस कोडोपी पर धारा 3(5), 316(5) , 318(4) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की पुष्टि कार्यपालन अभियंता महेश्वर प्रसाद ने की है। सभी आरोपी पुलिस गिरफ्त से अभी बाहर हैं। इंजीनियर कोडोपी ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी, जिसे दंतेवाड़ा न्यायालय ने 29 तारीख को खारिज कर दिया। दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्रकार ने इसी सड़क के भ्रष्टाचार को लेकर खबर चलाई थी। जिसके बाद ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के साजिश पर इनके दो भाई रितेश व दिनेश चंद्रकार व सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके ने मिलकर मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी थी। चट्टान पारा स्थित सुरेश चंद्राकर के बाड़े के सेफ्टिंक टैंक में पत्रकार मुकेश चंद्रकार का शव मिला था। इस मामले में राज्य सरकार ने सख्त कार्यवाही करते हुए दोषियों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। तथा सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच कराई गई थी।