रायपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कांग्रेस में परिवारवाद और पैसे के प्रभाव को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जबरदस्त असंतोष और बगावत देखने को मिल रही है। कांग्रेस के महापौर प्रत्याशियों के खिलाफ पार्टी के अंदर ही भारी रोष है।
श्री जायसवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में परिवारवाद इस कदर हावी हो गया है कि रायपुर में पूर्व महापौर प्रमोद दुबे की पत्नी दीप्ति दुबे को महापौर प्रत्याशी बनाया गया। बिलासपुर में पूर्व महापौर किरणमयी नायक के देवर प्रमोद नायक को टिकट दी गई। निवृत्तमान महापौर एजाज ढेबर और उनकी पत्नी को अलग-अलग वार्डों से उम्मीदवार बनाया गया है। इसी तरह, चिरमिरी में पूर्व विधायक विनय जायसवाल को महापौर प्रत्याशी घोषित किया गया, जबकि इससे पहले उनकी पत्नी कंचन जायसवाल महापौर रह चुकी हैं।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने चिरमिरी में कांग्रेस प्रत्याशी विनय जायसवाल को लेकर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि वे वही नेता हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के केंद्रीय नेता चंदन यादव को 7 लाख रुपए देने की बात स्वीकार की थी और अपनी ही पार्टी पर टिकटों की खरीदी-बिक्री का आरोप लगाया था। इसके बाद उनका निष्कासन हुआ था। अब सवाल उठता है कि उनका निष्कासन कितने में रद्द हुआ और उन्हें महापौर की टिकट कितने में मिली?
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में विधायक रहते विनय जायसवाल पूरी तरह से विफल रहे थे, इसलिए विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। अब पैसे के बल पर उन्हें महापौर की टिकट दी गई है। इस फैसले से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ गई है, कई पदाधिकारियों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी है और कई ने पार्टी तक छोड़ दी है।
श्री जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस पूरे प्रदेश में बुरी स्थिति में है, पार्टी नेतृत्व असमंजस में है और कार्यकर्ता बगावत पर उतर आए हैं। जनता अब पैसे और परिवारवाद की राजनीति करने वालों को पहचान चुकी है। कांग्रेस हर जगह बड़े अंतर से चुनाव हारने जा रही है, क्योंकि जनता अब सच्चाई जान चुकी है।