रायपुर। सरकारी नौकरी का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले देवेन्द्र जोशी और झगीता जोशी को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी दंपति ने फर्जी नियुक्ति पत्र और विशेष अनुशंसा के नाम पर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपए ऐंठे थे।
कैसे करते थे ठगी?
पुलिस के अनुसार, आरोपी देवेन्द्र जोशी खुद को बड़े अधिकारियों से जुड़ा बताकर लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का दावा करता था। उसने फूड इंस्पेक्टर भर्ती के लिए कई उम्मीदवारों को झांसे में लिया और प्रत्येक से ₹25 लाख तक की रकम वसूली।
पीड़िता अंजना गहिरवार की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की। उसने बताया कि फरवरी 2021 में जब वह अपने मौसा-मौसी के घर आई थी, तो उन्होंने उसे सरकारी नौकरी दिलाने की बात कही। आरोपी ने फर्जी रिजल्ट और नियुक्ति पत्र देकर उससे ₹25 लाख ऐंठ लिए। जब असली चयन सूची जारी हुई तो उसका नाम नहीं था। बाद में पता चला कि आरोपी ने गजेन्द्र लहरे, कुणाल देव, और भुनेश्वर सोनवानी से भी इसी तरह ₹25-25 लाख लेकर धोखाधड़ी की है।
पुलिस ने ऐसे पकड़ा गिरोह
पीड़ितों की शिकायत पर थाना सिविल लाइन में अपराध क्रमांक 54/2025 धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि. के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने मुखबिर की सूचना पर दोनों आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ में उन्होंने करोड़ों की ठगी की बात कबूल कर ली।
गिरफ्तार आरोपी
देवेन्द्र कुमार जोशी (58) – निवासी बुढ़ी माई मंदिर के पीछे, डॉ. राजेंद्र नगर, रायपुर
झगीता जोशी (58) – निवासी बुढ़ी माई मंदिर के पीछे, डॉ. राजेंद्र नगर, रायपुर
पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल है।